हरियाणा के दिव्यांग खिलाडिय़ों के साथ हो रहा है भेदभाव: राजकुमार सुनसुना

भिवानी,(ब्यूरो): डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट स्पोट्र्स एसोसिएशन ऑफ हरियाणा द्वारा दिव्यांग खिलाडिय़ों और उनके अधिकारों व सम्मान की लड़ाई को लेकर पत्रकार वार्ता की गई और पत्रकार वार्ता के दौरान दिव्यांग खिलाडिय़ों पर हो रही तानाशाही और उनके अधिकारों के हनन को लेकर संगठन के पदाधिकारी व खिलाडिय़ों के द्वारा आवाज उठाई गई है ,कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है तथा जो उन्हें मंच मिलना चाहिए वह एकात्मक व्यक्ति की तानाशाही के चलते उन्हें नहीं मिल पा रहा है। उपरोक्त आरोप लगाते हुए संगठन के प्रदेश महासचिव राजकुमार सुनसुना ने कहा कि काफी दिनों से दिव्यांग खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए बीसीसीआई से संबंधित संस्था डीसीसीआई और डीसीसीआई के महासचिव पद पर आसीन रवि चौहान खिलाडिय़ों व संगठन के साथ तानाशाही बरत रहे हैं । चाहे वह खिलाडिय़ों के सुख सुविधाओं की बात हो, उनके सम्मान की बात हो या फिर उनको आर्थिक रूप से मजबूत करने व अन्य सुख सुविधा देने हेतु बात हो, दिव्यांग खिलाडिय़ों व एसोसिएशन के पदाधिकारियों को मानसिक रूप से परेशान किया गया है। उन्होंने कहा कि रवि चौहान अपनी मनमानी करते हैं और उनके खिलाडिय़ों व उनकी एसोसिएशन की अनदेखी करते हैं, राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय खेल स्तर की खेल स्पर्धा में हरियाणा के खिलाडिय़ों पर बार-बार गलत आरोप लगाकर बाहर निकाल दिया जाता है । उन्होंने कहा कि 2019 में हरियाणा के खिलाडिय़ों की प्रतिभा के बल पर भारत की टीम ने इंग्लैंड में वल्र्ड कप जीता था । उससे पहले भी भारत की टीम पीसीसीएआई के बैनर के नीचे अफगानिस्तान, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, इंग्लैंड सहित अनेक देशों में खेलने गई है और वहां पर हरियाणा के खिलाडिय़ों की बदौलत टीम ने जीत का तिरंगा लहरा कर देश का नाम रोशन किया है। इस बार हरियाणा के खिलाड़ी भारत की टीम में शामिल नहीं किए ,जिसके चलते 3 दिन पहले भारत की टीम ने 6- 1से बड़ी हार हुई है ,यदि यहां पर तानाशाही नई बरती जाती और खिलाडिय़ों का अच्छी तरह चयन होता तो हरियाणा के खिलाड़ी इस टीम में शामिल होते तो यह बुरी हार नहीं होती। राजकुमार सुनसुना ने कहा कि हरियाणा की संगठन व हरियाणा के खिलाडिय़ों को अनदेखी का शिकार इसलिए बनाया जाता है कि वह सुख सुविधाओं को लेकर आवाज उठाते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि जब से डीसीसीआई बनी है तब से हरियाणा के खिलाडिय़ों को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है और उन पर तरह-तरह के गलत आरोप लगाकर उनको प्रताडि़त किया जाता है । उन्होंने कहा कि अब हरियाणा की संगठन व हरियाणा के खिलाड़ी अपने अधिकार की आवाज को उठाने के लिए खुले मंच पर आ गए हैं और काफी ऐसे संगठन हैं ,जो बीसीसीआई और रवि चौहान की तानाशाही के विरोध में पर्दे के पीछे खड़े हैं। उन्होंने कहा कि रवि चौहान जो भी खिलाड़ी व संगठन आवाज उठाते हैं तो उनका चयन न करने की धमकी देकर दबाव बनाता रहता है।
राजकुमार ने आरोप लगाया कि उन्हें सूत्रों के हवाले से पता चला है कि करोड़ों रुपए कॉरपोरेट हाउस से सीएसआर का पैसा डीसीसीआई में आया है जो खिलाडिय़ों पर कम, कमीशन ऐजेंट को और महासचिव ने अपने साथियों के निजी स्वार्थ पर अधिक खर्च किए हैं , जिसकी पूरी तरह से जांच हो और डीसीसीआई को भंग किया जाए। क्योंकि डीसीसीआई का कोई भी प्रमाण पत्र नहीं है कि वह बीसीसीआई से संबंध है या नहीं, क्योंकि वह बार-बार जय शाह और बीसीसीआई का हवाला देखकर संगठनो व खिलाडिय़ों को लंबे समय से गुमराह करता आ रहा है। जबकि उसने कोई भी प्रमाण पत्र हमारी एसोसिएशनो के समक्ष नहीं रखा है।
उन्होंने कहा कि इस बाबत में हमने फिजिकली चैलेंज्ड क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र लोहिया को भी शिकायत पत्र लिखा है और जल्द ही हरियाणा के मुख्यमंत्री, खेल मंत्री और बीसीसीआई को भी हमें शिकायत भेज रहे हैं ,ताकि इन पर कड़ी कार्रवाई हो और दिव्यांगों का जो करोड़ों रुपए आया है उसका हिसाब किया जाए ,की कितना दिव्यांग खिलाडिय़ों पर खर्च हुआ है और कितना ऐसो आराम पर व फिजूल खर्च किया गया है। इसकी पूरी जांच हो। दिव्यांग समाज हरियाणा के पदाधिकारी सुनील पंवार ने भी हरियाणा के खिलाडिय़ों व हरियाणा के संगठनो को आश्वासन दिया है कि उनके साथ यदि किसी प्रकार का भी गलत होता है तो वह उनके साथ कंधा से कंधा मिला कर खड़े हैं । उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के दिव्यांग बंधु दिव्यांग खिलाडिय़ों के अधिकारों की आवाज को लेकर सडक़ों पर उतरने के लिए तैयार है। इस अवसर पर चीफ पैटर्न गोवर्धन आचार्य, महासचिव राजकुमार सुनसुना, अधिवक्ता सुनील, सुरेंद्र खटक,अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भीम सिंह, संदीप सैन, रविंद्र शर्मा, जोगिंद्र शेखावत, उप प्रधान मास्टर लक्ष्मण गौड, कुलदीप शतरंज, भीम सिंह, कृष्ण मलिक, रविंद्र महला+बेरवाल राजेश बिष्ट सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।