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UP, कर्नाटक और हिमाचल में क्रॉस वोटिंग के भरोसे BJP ने राज्यसभा चुनाव में फंसाया पेच

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में क्रॉस वोटिंग के उपयोग का विचार किया है ताकि वह राज्यसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों को सफलता की ओर ले जा सके।

इस चरण में, भाजपा ने राज्यसभा की ज्यादातर सीटों के लिए उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए हैं, लेकिन उनकी विजय की चुनौती भी है। इसलिए, पार्टी ने कुछ राज्यों में क्रॉस वोटिंग के संभावित विकल्पों को विचार किया है।

क्रॉस वोटिंग का मतलब है यह कि किसी अन्य दल के साथ मिलकर अपने पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देना, जिससे वह सीट जीत सके। इसके माध्यम से, भाजपा नए राज्यसभा सदस्यों को चुनने में सफलता प्राप्त कर सकती है।

यह निर्णय भाजपा के उच्च अधिकारियों द्वारा लिया गया है, जिन्हें चुनाव स्तर पर अपनी पार्टी की प्रतिष्ठा को बनाए रखने की ज़रूरत है।

राज्यसभा चुनाव में भाजपा के प्रतिद्वंद्वी दलों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, जिन्हें यह निश्चित करना होगा कि कोई भी क्रॉस वोटिंग का मूल्य न चुका जाए।

इसके साथ ही, राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया में भाजपा ने सख्ती बढ़ाई है ताकि किसी भी प्रकार की विवादित गतिविधियों का मुख्य कारण न बने।

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