ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों को ‘डस’ रहे Disposable domains, आखिर क्या है ये बला

आजकल ऑनलाइन शॉपिंग हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है. एक क्लिक पर कपड़े, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, दवाएं और यहां तक कि राशन तक घर पहुंच जाता है. लेकिन जितनी तेजी से ऑनलाइन खरीदारी बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से साइबर धोखाधड़ी भी बढ़ रही है.
क्या होते हैं डिस्पोजेबल डोमेन्स?
डिस्पोजेबल डोमेन्स ऐसे फर्जी वेबसाइट डोमेन्स होते हैं, जो कुछ ही घंटों या एक-दो दिनों के लिए बनाए जाते हैं. इनका मकसद सिर्फ और सिर्फ यूजर को ठगना होता है. ये असली वेबसाइट की हूबहू कॉपी होते हैं ताकि कोई भी इनके ऊपर भरोसा कर ले और इन्हें असली मान ले. इसकी पहचान आप ऐसे कर सकते हैं. असली वेबसाइट- www.flipkart.com फर्जी डोमेन- www.flipkartsale.click या www.flikpart.monster
कैसे करते हैं ये फ्रॉड?
हूबहू असली वेबसाइट जैसा इंटरफेस बनाना, ये फर्जी वेबसाइटें इतनी असली लगती हैं कि कस्टमर धोखा खा जाता है. डिस्पोजेबल डोमेन्स पर बड़े डिस्काउंट, लिमिटेड स्टॉक या फ्री गिफ्ट जैसे झूठे ऑफर दिखाए जाते हैं. यूजर डिटेल्स चुराते हैं. जिसमें मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल्स, ओटीपी और पासवर्ड जैसे संवेदनशील डेटा चुराए जाते हैं. कुछ वेबसाइटें आपकी डिवाइस में वायरस डालकर आपको और नुकसान पहुंचा सकती हैं.
कैसे पहचानें डिस्पोजेबल डोमेन्स?
- अगर किसी वेबसाइट के लिंक में .click, .buzz, .monster, .shop-now जैसे एक्सटेंशन हों, तो सावधान हो जाइए.
- वेबसाइट के नाम में स्पेलिंग मिस्टेक हो जैसे gooogle, amaz0n
- सोशल मीडिया या SMS/ईमेल में आए लिंक पर क्लिक करने से पहले अच्छी तरह जांच लें.
- डोमेन नाम बहुत नया है या सर्च करने पर इंटरनेट पर वो शो नहीं हो रहा तो उस से शॉपिंग ना करें.
डिस्पोजेबल डोमेन्स बनाना इतना आसान कैसे?
इन डोमेन्स को बहुत कम कीमत में खरीदा जा सकता है. इन्हें कुछ ही मिनटों में ऑनलाइन सेटअप किया जा सकता है. एक बार काम होने के बाद इन्हें तुरंत डिलीट या बंद किया जा सकता है. स्कैमर एक साथ सैकड़ों फर्जी वेबसाइटें बना सकते हैं. इन्हें ट्रेस करना मुश्किल होता है, क्योंकि ये तुरंत गायब हो जाते हैं.
कैसे बचें इस फ्रॉड से?
हमेशा भरोसेमंद और ऑफिशियल वेबसाइट से ही खरीदारी करें. लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे गूगल में सर्च करके चेक करें. फेक ऑफर्स या डिस्काउंट वाली वेबसाइटों से बचें. अपने ब्राउजर या मोबाइल में एंटी-वायरस और सिक्योरिटी टूल्स लगाएं. साइबर स्कैम का शक होने पर तुरंत cybercrime.gov.in पर शिकायत करें.