राजनीति

‘लंदन जा रही हूं, कुछ ही मिनटों में…’, एयर इंडिया विमान हादसे में जान गंवाने वाली केबिन क्रू का आखिरी मैसेज, छलक उठा पिता का दर्द

इस वक्त पूरे देश में अहमदाबाद प्लेन क्रैश हादसे के कारण दुख की लहर व्याप्त है. गुरुवार को दोपहर डेढ़ बजे के करीब अहमदबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाईट टेकऑफ करते ही क्रैश हो गई. हादसे में कुल विमान सवार यात्रियों सहित कुल 265 लोगों की मौत हो गई. हादसे के पीछे का असल कारण क्या था, इसका पता लगाने के लिए जांच की जा रही है. विमान में 12 क्रू मेंबर्स सहित 242 लोग सवार थे. इनमें से सिर्फ एक ही यात्री की जान बची. जिन क्रू मेंबर्स की जान गई उनमें से दो मणिपुर की रहने वाली थीं.

एयर इंडिया विमान हादसे का शिकार हुई दोनों मणिपुर की बेटियों की पहचान थौबल जिले के थौबल अवांग लेइकाई निवासी कोंगरालैतपम नगनथोई शर्मा और चुराचांदपुर जिले के सिंगसन लामनुनथेम के रूप में हुई है. इस दुखद घटना की सूचना के बाद से मणिपुर में शोक की लहर दौड़ गई है. लामनुनथेम सिंगसन मणिपुर के कुकी समुदाय से आती थीं. वहीं, नगनथोई शर्मा कोंगब्राईलटपम मैतेई समुदाय से थीं. यह दोनों एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के केबिन क्रू सदस्यों में शामिल थीं. इस विमान हादसे ने दोनों को ही छीन लिया है.

नगनथोई पिछले डेढ़ साल से एयर इंडिया में केबिन क्रू सदस्य के रूप में कार्यरत थीं. तीन बहनों में मंझली नगनथोई ने दुर्घटना से ठीक पहले सुबह करीब 11:38 बजे अपनी बहन को एक मैसेज भेजा था, जिसमें लिखा था- मैं लंदन जा रही हूं. कुछ ही मिनटों में, हम उड़ान भरेंगे. हम कुछ समय तक बात नहीं कर पाएंगे. लेकिन दुखद यह रहा कि यह संदेश उसका आखिरी संदेश साबित हुआ.

परिवार और समुदाय में शोक का माहौल

हादसे की खबर मिलते ही मणिपुर में रह रहे उनके परिजनों को गहरा सदमा लगा. नगनथोई के परिवार और स्थानीय समुदाय में शोक का माहौल है. खंगाबोक विधानसभा क्षेत्र के विधायक ओकराम सुरजाकुमार ने गुरुवार को नगनथोई के थौबल अवांग लेइकाई स्थित निवास पर जाकर परिवार से मुलाकात की. उन्होंने परिवार के दुख को साझा करते हुए अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं. विधायक ने कहा- यह मणिपुर के लिए एक अपूरणीय क्षति है. नगनथोई एक होनहार युवती थीं, जिन्होंने अपने परिश्रम से यह मुकाम हासिल किया था. हम इस मुश्किल घड़ी में उनके परिवार के साथ हैं.

मार्च में सरप्राइज देने आई थी- नगनथोई के पिता

नगनथोई के पिता ने कहा- नगनथोई ने इम्फाल के डीएम कॉलेज में अपना पहला सेमेस्टर एग्जाम दिया था. उसके कुछ दोस्त एयरहोस्टेस बनने की ट्रेनिंग ले रहे थे. जब वे इंटरव्यू के लिए गए, तो उन्होंने उसे भी बुलाया. वह गई और उसकी सिलेक्शन हो गई. वह बहुत छोटी थी, लेकिन मैं खुश था कि उसे एक अच्छी कंपनी में नौकरी मिल गई थी. मैंने सोचा कि जब वह बड़ी हो जाएगी, तो मणिपुर में कोई स्थिर काम ढूंढ़ने की कोशिश कर सकती है. नगनथोई के पिता ने बताया कि वह आखिरी बार इस साल मार्च में घर आई थी. वह उन्हें सरप्राइज देने के लिए उस समय आई थी जब उनके पिता अस्पताल में इलाज करा रहे थे.

Related Articles

Back to top button