मौलिक अधिकारों के खिलाफ ईसाई समुदाय को किया जा रहा है प्रताडि़त: पास्टर सुनीता

भिवानी, (ब्यूरो): देश में ईसाई समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा व अत्याचारों के खिलाफ तथा आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा ने सोमवार को शहर में प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम मांगपत्र सौंपा। राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष पास्टर सुनीता व प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र भोला ने कहा कि ईसाई समुदाय ने देश में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा व सामाजिक कल्याण में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए लंबे समय से योगदान दिया है। लेकिन इसके बावजूद भी इस समुदाय के विशेषकर अनुसूचित जाति से जुड़े लोगों के खिलाफ बढ़ती हिंसा व समुदाय व लोकतंत्र को परिभाषित करने वाली बहुलतावाद दोनों को खतरे में डाल रही है। उन्होंने कहा कि देश की 140 करोड़ की आबादी में ईसाई समुदाय की संख्या 2.3 प्रतिशत है, जिन्होंने हमेशा देश में संविधान, देशभक्ति, बंधुत्व व समानता व स्वतंत्रता के मूल्यों को बनाए रखा। लेकिन इसके बावजूद भी कुछ लोग मौलिक अधिकारों के खिलाफ जाकर इस समुदाय के लोगों को बेवजह प्रताडि़त करने का काम कर रहे है, जबकि मौलिक अधिकारों के विरोध में संसद को भी कानून बनाने का अधिकार नहीं है। यूनाईटेड क्रिश्चियन फोरम के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 में हिंसा और प्रताडऩा की 834 घटनाएं दर्ज गई, जो कि वर्ष 2023 में 734 से अधिक थी। उन्होंने मांग कि है कि सभी हिंसा की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कर आरोपियों को जवाबदेह ठहराया जाए, धार्मिक, स्वतंत्रता अधिनियमों की समीक्षा कर उनके दुरूपयोग पर रोक लगाई जाए, राज्य सरकारों को धार्मिक समाता और स्वतंत्रता को बनाए रखने के निर्देश दिए जाए। इस अवसर पर जयकुमार, सतपाल थौमा, भारत मुक्ति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश दहिया, अनिल नाथुवास, रामकुमार, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला संयोजक राजीव सैनी, सज्जन सिंह, रामपाल मेहरा, विक्रम, ममता, जयभगवान, दीया, पुष्पा, सुमन, शकुंतला, किरण, बवानीखेड़ा जिला अध्यक्ष सतेंद्र पपोसा, सुदेश, पूनम, रजनी, लीना, मंजू, निहार, बबली, सुनीता, सरोज, संपी, दीपक, विक्रम, मनीष, नवदीप, राजीव, अनिल, विजेंद्र, मनीष, सागर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।