किसी भी शुभ अवसर पर क्यों खाई जाती है दही और चीनी?

भारतीय संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य, परीक्षा, नई नौकरी या यात्रा शुरू करने से पहले दही और चीनी खाने की परंपरा है. कई लोग सोचते हैं कि यह सिर्फ एक धार्मिक या पारंपरिक संकेत है, लेकिन इसके पीछे सिर्फ आस्था नहीं, विज्ञान भी है. दही और चीनी को एक साथ खाने के स्वास्थ्य लाभ शरीर को मिलने वाली ऊर्जा और मानसिक स्थिरता से गहराई से जुड़े हुए हैं.
ज्योतिष के अनुसार, भारत में दही और चीनी खाना शुभ माना जाता है. खासकर परीक्षा देने से पहले, नया व्यवसाय शुरू करने से पहले या किसी बड़े काम के लिए घर से निकलने से पहले मां उन्हें दही और चीनी देती हैं. यह चिन्ह ‘मधुर शुरुआत’ की भावना से जुड़ा है. कई लोगों का मानना है कि मिठाई खाने से सौभाग्य आता है, लेकिन इस परंपरा को सिर्फ धार्मिक परिप्रेक्ष्य देने के बजाय इसके पीछे छिपे वैज्ञानिक कारणों को समझना महत्वपूर्ण है.
कार्यों से पहले महसूस होता है तनाव
हम आमतौर पर परीक्षा, साक्षात्कार या बड़े कार्यों से पहले तनाव महसूस करते हैं. ऐसे समय में शरीर को तेजी से ऊर्जा प्रदान करने वाले भोजन की आवश्यकता होती है. चीनी ग्लूकोज का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो मस्तिष्क को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है. दूसरी ओर, दही एक प्रोबायोटिक भोजन है, जो पाचन में सुधार करता है और शरीर को ठंडक पहुंचाता है. इसलिए दही और चीनी खाने से मानसिक तनाव कम होता है और शरीर ऊर्जावान रहता है.
कई वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि दही में ‘लैक्टोबैसिलस’ नामक बैक्टीरिया होता है, जो आंत के बैक्टीरिया को संतुलित करने में मदद करता है. तनाव के समय पाचन तंत्र खराब हो जाता है, लेकिन दही इसे संतुलित रखता है. इसमें चीनी मिलाने से तुरंत ऊर्जा मिलती है, जो महत्वपूर्ण समय पर काम आती है.
तरोताजा रहता है शरीर
गर्मी के दिनों में शरीर को गर्मी लगती है, इसलिए दही शरीर की गर्मी को कम करता है. चीनी ऊर्जा बनाए रखती है. इसलिए यात्रा करते समय या धूप में बाहर जाते समय दही और चीनी खाने से शरीर ठंडा और तरोताजा रहता है. रोजाना दही और चीनी खाना पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है. दही पेट की अम्लता को कम करता है और चीनी भोजन को आसानी से पचाने में मदद करती है. खासकर जब हम खाली पेट कोई काम शुरू करते हैं तो दही और चीनी एक बेहतरीन विकल्प है.