शहबाज शरीफ जबरन ले रहे क्रेडिट, आसिम मुनीर के प्रमोशन से असली फायदा तो चीन को होगा!शहबाज शरीफ जबरन ले रहे क्रेडिट, आसिम मुनीर के प्रमोशन से असली फायदा तो चीन को होगा!

पाकिस्तान के संघीय कैबिनेट ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद से नवाजा है. उनके ये पद उनके साहस और ऑपरेशन बुनयान उल मरसूस (Operation Bunyanum Marsoos) का नेतृत्व करने के लिए दिया गया है. पाकिस्तान सरकार देश की जनता के सामने ये साबित करने में लगी है कि भारत के साथ तनाव में उन्होंने जीत हासिल कर ली है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इसका क्रेडिट लेने में लगे हैं. शहबाज शरीफ का कहना है कि आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाने का फैसला मेरा है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने नया खुलासा किया है. उन्होंने आसिम मुनीर को फील्ड मार्श बनाए जाने के फैसले पर चिंता जाहिर की है और इसे ‘परेशान करने वाला संकेत’ कहा है. जॉन बोल्टन को डर है कि इसका फायदा सीधे तौर चीन को मिल सकता है.
चीन को मिलेगा फायदा
बुधवार को ANI से बात करते हुए, बोल्टन ने इस कदम के संभावित प्रभावों पर जोर दिया, साथ ही क्षेत्र में जारी शत्रुता को पाकिस्तान के विकास में बाधा बताया है. वहीं भारत पाक विवाद में अमेरिकी सरकार की भागीदारी पर उन्होंने कहा कि ये यह देश में आंतरिक असंतोष को बढ़ा सकता है.
पूर्व अमेरिकी NSA ने असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किए जाने पर कहा, “चीन के लिए लाभ उठाने का एक और अवसर.” इससे पहले इस कदम को सैन्य और रणनीतिक विफलताओं को छिपाने के प्रयास के रूप में देखे जा रहा था.
पाक के दूसरे फील्ड मार्शल बने मुनीर
जनरल आसिम मुनीर पाकिस्तान के इतिहास में फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत होने वाले दूसरे सैन्य अधिकारी बने हैं. 1958 से 1969 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे अयूब खान को देश के पहले फील्ड मार्शल होने का गौरव प्राप्त है.
बता दें कि ये पद उन्होंने खुद ही खुदको दिया था. 1959 में खान ने सेना से रिटायरमेंट से ठीक पहले, पाकिस्तानी नागरिक समाज के सदस्यों के ‘लगातार अनुरोधों’ का हवाला देते हुए खुद को फील्ड मार्शल का पद दिया था.