Business

पाकिस्तान के बाद भीख की लाइन में बांग्लादेश! IMF के दर पर कटोरा लेकर पहुंचा

पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था भी मुश्किल दौर से गुजर रही है, और अब वह भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सामने आर्थिक मदद के लिए पहुंच गया है. IMF ने पुष्टि की है कि बांग्लादेश ने 762 मिलियन डॉलर (करीब 6,360 करोड़ रुपये) की अतिरिक्त वित्तीय सहायता मांगी है. इस नए अनुरोध के बाद, बांग्लादेश को IMF से मिलने वाला कुल पैकेज 4.1 अरब डॉलर (करीब 35,000 करोड़ रुपये) तक पहुंच जाएगा.

IMF के अनुसार, बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था वर्तमान में गंभीर दबाव में है. बाहरी कर्ज की जरूरतें लगातार बढ़ रही हैं और देश के भीतर भी आर्थिक चुनौतियां बनी हुई हैं. देश में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक अस्थिरता ने विकास दर को प्रभावित किया है. इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में बांग्लादेश की विकास दर 3.3% तक गिर गई है. हालांकि, IMF का अनुमान है कि साल के दूसरे हिस्से में यह बढ़कर 3.8% हो सकती है.

IMF के साथ स्टाफ-लेवल एग्रीमेंट

बांग्लादेश सरकार और IMF अधिकारियों के बीच हाल ही में एक प्रारंभिक समझौता (स्टाफ-लेवल एग्रीमेंट) हुआ है. यह समझौता तीन प्रमुख योजनाओं के तहत हुआ है:

 

2.Extended Fund Facility (EFF)

3.Resilience and Sustainability Facility (RSF)

IMF ने कहा है कि अगर यह समझौता अंतिम रूप लेता है और IMF के कार्यकारी बोर्ड से मंजूरी मिल जाती है, तो बांग्लादेश को 1.3 अरब डॉलर की अगली किश्त मिल सकती है. इसमें से 874 मिलियन डॉलर ECF और EFF स्कीम्स के तहत और 448 मिलियन डॉलर RSF स्कीम से मिलेंगे.

IMF की शर्तें और सुधार की जरूरत

IMF ने बांग्लादेश को इस अतिरिक्त सहायता के लिए कुछ शर्तें पूरी करने के लिए कहा है:

  • टैक्स सुधार: राजस्व को बढ़ाने के लिए नए टैक्स नियम लागू करने होंगे.
  • विदेशी मुद्रा दर में सुधार: बांग्लादेश को अपनी मुद्रा विनिमय दर को पूरी तरह से बाजार आधारित बनाना होगा.
  • बैंकिंग क्षेत्र में सुधार: बैंकिंग क्षेत्र की पारदर्शिता और स्थिरता सुनिश्चित करनी होगी.
  • बांग्लादेश बैंक की स्वतंत्रता: केंद्रीय बैंक को अधिक स्वतंत्र और सशक्त बनाया जाएगा.

महंगाई और बैंकिंग संकट

बांग्लादेश में महंगाई अभी भी 8.5% के करीब है, और बैंकिंग सेक्टर दबाव में है. IMF ने बांग्लादेश सरकार को सख्त नीतियों को लागू करने और संस्थागत सुधारों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है ताकि विदेशी निवेश आकर्षित हो सके और अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनी रहे.

यह देखना दिलचस्प होगा कि बांग्लादेश IMF की शर्तों को कितनी जल्दी और प्रभावी तरीके से लागू कर पाता है और उसकी अर्थव्यवस्था कब स्थिरता की ओर बढ़ती है.

Related Articles

Back to top button