टेक्नोलॉजी

सैटेलाइट नहीं, गुब्बारे और ड्रोन से मिलेगा फास्ट इंटरनेट, कमाल की है ये टेक्नोलॉजी

टेलीकॉम कंपनियां अपने नेटवर्क को बेहतर बनाने की पूरी कोशिश करती हैं, लेकिन इसके बावजूद धीमी स्पीड से इंटरनेट चलने की वजह से कई बार लोग परेशान रहते हैं. क्या कभी आपने सोचा है कि गुब्बारे, सौर ऊर्जा वाले ड्रोन और हवाई जहाज जैसी ऊंचाई वाली चीजों से भी आपको तेज इंटरनेट का फायदा मिल सकता है? दूरसंचार उद्योग निकाय COAI में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सैटेलाइट की तुलना ड्रोन,गुब्बारे और हवाई जहाज जैसे अधिक ऊंचाई वाले प्लेटफॉर्म्स कम लागत में सुरक्षित और लचीला कवरेज प्रदान कर सकते हैं.

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक एस पी कोचर का कहना है कि जापान, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश और सॉफ्टबैंक जैसी बड़ी कंपनियां एचएपीएस टेक्नोलॉजी में भारी निवेश कर रही हैं. सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने कहा कि भारत को अब स्पेक्ट्रम आवंटन, एचएपीएस परिचालन और हवाई क्षेत्र प्रबंधन के लिए नियामक ढांचे पर काम करना शुरू कर देना चाहिए.

एस पी कोचर की ये टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है जब COAI के प्रमुख सदस्य एयरटेल और रिलायंस जियो ने सैटेलाइट सर्विस के लिए एलन मस्क की स्टारलिंक सर्विस के साथ हाथ मिलाया है. शुरुआत में इन कंपनियों ने भारतीय बाजार में स्टारलिंक की एंट्री को लेकर विरोध किया था. स्टारलिंक भारत में सेवाएं तभी शुरू कर पाएगी जब कंपनी को सरकार से मंजूरी मिल जाएगी, लेकिन मंजूरी मिलने तक स्टारलिंक को इंतजार करना होगा.

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