बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर नहीं लगेगा 800 सालों से लग रहा मेला, क्यों लिया गया ये फैसला?

उत्तर प्रदेश के बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर इस साल मेला नहीं लगेगा. इस बार प्रशासन की ओर से मेले के लिए इजाजत नहीं दी गई है. इस दरगाह पर हर साल मेला लगता है, लेकिन इस बार बहराइच जिला प्रशासन ने मेले की अनुमति नहीं दी है. सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सदर ने संयुक्त रूप से बयान जारी करके इसकी जानकारी दी. सिटी मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर और क्षेत्राधिकारी ने संयुक्त बयान में बताया कि दरगाह प्रबंध समिति की ओर से मेले के आयोजन के लिए पत्र आया. इस पर रिपोर्ट तलब की गई थी. किसी भी अधिकारी ने मेले के आयोजन को अनुमति नहीं दी.
ये फैसला हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और वक्फ बोर्ड के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए लिया गया है. प्रशासन ने कहा कि पहलगाम पर आतंकी हमले को देखते हुए कानून व्यवस्था सख्त है. मेले में पांच लाख से भी ज्यादा लोग आते हैं. ऐसे में कानून व्यवस्था और आम लोगों की सुरक्षा को लेकर समस्या हो सकती है. इसी को देखते हुए सालार मसूद गाजी प्रबंध समिति को मेले के आयोजन को इजाजत नहीं दी गई. इससे पहले कुछ हिंदू संगठनों ने इस मेले का विरोध किया था.
800 सालों से लगता आ रहा मेला
बहराइच में हर साल 15 मई से 15 जून तक सालार मसूद गाजी की दरगाह पर मेला लगता है, जो बहराइच में पिछले 800 सालों से लगता आ रहा है. सैय्यद सालार मसूद गाजी महमूद गजनवी के भांजे हैं. उनकी याद में बहराइच में जेठ का मेला लगता है, जो इस बार नहीं लग रहा है. कई हिंदू संगठन इस मेले का विरोध कर रहे थे. संभल समेत यूपी के कई हिस्सों में हिंदू संगठनों ने नेजा मेले और बहराइच में लगने वाले इस मेले का विरोध किया था. सैयद सालार मसूद गाजी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आक्रांता बता चुके हैं.
दरगाह पर मेले की इजाजत नहीं
LIU ने बहराइच डीएम और देवीपाटन कमिश्नर को रिपोर्ट भेजी थी. इसके बाद सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर मेले की इजाजत नहीं दी गई. मेले में पांच लाख से ज्यादा हिंदू-मुस्लिम जायरीन आते थे. सिटी मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर ने बताया कि 15 अप्रैल को प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष बकाउल्ला ने डीएम की अध्यक्षता में वार्षिक जेठ मेला कराने को लेकर बैठक के लिए पत्र दिया था. एएसपी सिटी रामानंद कुशवाहा, एसडीएम सदर पूजा चौधरी, ईओ नगर पालिका प्रमिता सिंह, एईपी जिला पंचायत अधिकारी ने इसको लेकर अपनी आख्या प्रस्तुत की, जिसमें कानून व्यवस्था के नजरिए और अलग-अलग हालातों की वजह से इस समय जेठ मेले को इजाजत देना सही नहीं है. दरगाह मेला प्रबंध समिति को भी इससे अवगत करा दिया गया है.
मौजूदा हालातों की वजह से लिया फैसला
क्षेत्राधिकारी नगर पहुप सिंह ने कहा कि मौजूदा हालातों में पहलगाम की आतंकी घटना, वक्फ बिल संशोधन और बीते दिनों संभल में हुई हिंसा को लेकर जनता में आक्रोश है. इन परिस्थितियों में मेले में लाखों की भीड़ आती है, जिसको देखते हुए शांति और सुरक्षा बनाए रखने को लेकर जेठ मेले के आयोजन की इजाजत नहीं दी गई. संभल में नेजा मेले पर रोक के बाद जिले के कई हिंदू संगठनों ने दरगाह मेले पर रोक लगाने की मांग की थी. कई संगठनों ने प्रदर्शन कर डीएम के जरिए से राज्यपाल और मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र भी भेजा था.