हरियाणा

गर्मियों में मधुमक्खियों को बचाने के लिए अपनाएं ये तकनीक, थोड़ी सी लापरवाही से होगा भारी नुकसान

कुरुक्षेत्र : हरियाणा सहित उत्तरी भारत के कई राज्यों में गर्मी ने दस्तक दे दी है और हीट वेव का दौर भी जारी हो चुका है। हीट वेव से जहां मानव जीवन प्रभावित हो रहा है तो जीव जंतु पशु पक्षियों के लिए भी हीट वेव काफी हानिकारक होती है तो वहीं इस हीट वेव से मधुमक्खी पालने वाले मधुमक्खी पालकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है। क्योंकि गर्मी में लू चलने से मधुमक्खियां के शहद उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ता है। अगर ज्यादा लापरवाही हो जाए या ज्यादा गर्मी हो जाए तो उससे मधुमक्खियों की मौत तक भी हो जाती है। गर्मी में लू के दौरान मधुमक्खी पालकों को क्या-क्या सावधानी रखनी चाहिए।

मधुमक्खियों का गर्मी और लू से बचाव 

डॉ अमित कुमार यादव ने बताया कि हरियाणा में गर्मी के साथ लू ने भी दस्तक दे दी है। जिसके चलते मधुमक्खियां का बचाव काफी जरूरी है क्योंकि हरियाणा में टेंपरेचर 40 के आसपास पहुंच गया है जबकि मधुमक्खियां के लिए टेंपरेचर 34.6 डिग्री सेल्सियस तक सही माना जाता है। अगर इससे ज्यादा तापमान में वृद्धि होती है तो उनके गर्मी से बचाव के लिए प्रबंध करने जरूरी हो जाते हैं। सबसे पहले मधुमक्खियां के बचाव के लिए मधुमक्खी के बॉक्स को छांव में रखें। मधुमक्खियां के बॉक्स रखने वाले स्थान के आसपास साफ और ठंडा पानी जरूर होना चाहिए। अगर कहीं पर छाव का प्रबंध नहीं है या ज्यादा तापमान में वृद्धि होती है तो उस दौरान मधुमक्खियों के बॉक्स पर जुट की बोरी को रखें और उसको सुबह शाम और दिन में भी पानी से गिला करते रहे, ताकि मधुमक्खी के डिब्बे का तापमान नियंत्रित रहे और उसमें ज्यादा गर्मी ना बने। ऐसा करने से  जो हवा और लू चलती है वह सीधी बॉक्स के अंदर प्रवेश नहीं करती। ऐसे में मधुमक्खियां का लू से बचाव होता है ।

गर्मी और लू में मधुमक्खियां के खाने का रखें खास ध्यान 

गर्मी के साथ-साथ लू चलने के दौरान मधुमक्खियां डिब्बे से बाहर बहुत ही कम संख्या में निकलती है या अगर निकलती है तो वह ज्यादा दूर का सफर नहीं कर पाती। इसलिए वह अपने आहार के तौर पर परागकण नहीं ला पाती। जिसे कई बार ज्यादा गर्मी होने के चलते उनकी मौत तक हो जाती है। इसके लिए 50 मधुमक्खियों के डिब्बे के लिए 25 किलोग्राम चीनी और 25 किलोग्राम पानी मिलाकर उसका गोल डिब्बों के पास रखें। दोनों की मात्रा 50-50% हो सकती है या फिर चीनी की मात्रा 45% और पानी की मात्रा 55% तक भी हो सकती है। इन दोनों का गोल मिलाकर उनके पास रखें। जिसके चलते वह यहां से अपना भोजन ग्रहण करेंगे और उनकी भूख के कारण और गर्मी के कारण मौत नहीं होगी।

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