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जयपुर नगर निगम ने सील किया घर, अंदर फंसा मुस्लिम परिवार; रमजान महीने में भूखा-प्यासा परेशान

राजस्थान की राजधानी जयपुर में हेरिटेज नगर निगम ने एक रिहायसी मकान को अवैध बताते हुए सील कर दिया है. निगम अधिकारियों इस कार्रवाई के दौरान मकान में से लोगों को बाहर निकालना भी उचित नहीं समझा. बल्कि सुबह छह बजे जैसे ही घर के पुरूष नमाज पढ़ने के लिए घर से बाहर निकले, निगम अधिकारियों ने मकान के मुख्य गेट पर ताला लगाकर सील कर दिया. इसकी वजह से पूरे दिन यह परिवार अपने ही घर में कैद होकर रह गया.

परिजनों के मुताबिक बड़ी मुश्किल से घर के अंदर फंसी महिलाओं और बच्चों को रस्सी की मदद से खाना पहुंचाया जा रहा है. हालांकि मामला तूल पकड़ते देख मेयर कुसुम यादव ने गलती मान ली. कहा कि मकान का सील खुलवाने की कोशिश हो रही है. मामला राजधानी जयपुर के घाटगेट इलाके के छप्पर बंधों के रास्ते में स्थित एक रिहायशी मकान का है. जयपुर हेरिटेज नगर निगम की टीम ने बुधवार की सुबह अचानक से यहां पहुंची और एक रिहायशी मकान के अलावा 6 दुकानों को सील कर दिया.

बिना अल्टीमेटम दिए हुई कार्रवाई

इस दौरान निगम के अधिकारियों ने घर में रह रही महिलाएं और बच्चों को भी घर से बाहर नहीं निकला. इस दौरान लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन निगम के कर्मचारी किसी की नहीं सुने और मकान में ताला सील लगाकर चले गए. स्थानीय लोगों के मुताबिक फजीर की नमाज के लिए घर के पुरूष निकलकर मस्जिद चले गए. इतने में पहुंची नगर निगम की टीम ने बिना कोई अल्टीमेटम दिए मकान का मुख्य गेट बंद किया और ताला सील लगाकर चले गए.

मेयर ने मानी गलती

निगम अधिकारियों के मुताबिक यह मकान अवैध रूप से बनाया गया है. थोड़ी देर बाद जब परिवार के सदस्य नमाज पढ़कर वापस लौटे तो मकान पर लगी सील देखा. इसके बाद लोगों ने निगम अधिकारियों से संपर्क किया. लोगों ने निगम अधिकारियों को बताया कि महिलाएं बच्चे मकान के अंदर फंसे हैं, लेकिन निगम अधिकारियों ने कोई राहत देने से मना कर दिया. बताया जा रहा है कि सीलिंग की यह कार्रवाई हेरिटेज नगर निगम के डीसी युगांतर शर्मा के निर्देशन में हुई. बाद में मेयर कुसुम यादव ने सफाई दी. कहा कि अधिकारियों से गलती हुई है. इस गलती को सुधारते हुए सील खुलवाने के लिए अधिकारियों को भेजा गया है.

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