राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 10 मई को: सीजेएम पवन कुमार

भिवानी, (ब्यूरो): जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन व जिला एवं सत्र न्यायाधीश देशराज चालिया के मार्गदर्शन में 10 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे केसों में समय व पैसे की बचत होती है और इसमें सुनाए गए फैसले के विरूद्घ अपील नहीं की जा सकती है। ये जानकारी देते हुए सीजेएम पवन कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 10 मई को जिला व मंडल स्तर पर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोक अदालत वैकल्पिक विवाद समाधान की एक प्रणाली है, जो भारत में बदलते समय के साथ एक प्रणाली के रूप में स्थापित हुई है। लोक अदालतें न केवल लंबित विवाद या पार्टियों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों को सुलझाती हैं, बल्कि यह सामाजिक सद्भाव को भी सुनिश्चित करती है क्योंकि विवाद करने वाले पक्ष अपने मामलों को अपनी पूर्ण संतुष्टि के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाते हैं। सीजेएम ने बताया कि आपसी सहमति से हल होने वाले मामलों में राष्ट्रीय लोक अदालत बहुत ही कारगर सिद्ध हो रही हैं। लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है, जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती। लोक अदालत में सस्ता और सुलभ न्याय मिलता है। लोक अदालतों में ना तो किसी पक्ष की हार होती है और ना ही जीत बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान करवाया जाता है। उन्होंने नागरिकों का आह्वान किया है कि वे अधिक से अधिक अपने केसों को राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाएं।