छोटी काशी भिवानी के शिव मंदिरों में रहा महाशिव रात्रि पर्व का उत्साह
भगवान शिव व माता पार्वती के विवाह के उत्सव के रूप में मनाया जाता है महाशिवरात्रि

भिवानी,(ब्यूरो): छोटी काशी भिवानी के शिव मंदिरों में आज महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान छोटी काशी के करीबन 350 मंदिरों में पूजा-अर्चना कर भगवान शिव का जलाभिषेक एवं दुग्धाभिषेक किया गया।
गौरतलब होगा कि 144 वर्षो के अद्भुत संयोग के बाद प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है तथा आज महाकुंभ का भी अंतिम स्नान है। जिसके चलते इस वर्ष महाशिवरात्रि का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इसी के चलते शहर के जोगीवाला मंदिर धाम में बने शिव सरोवर घाट में महाकुंभ से लाया गया त्रिवेणी संगम का गंगाजल डाला गया है, जिसमें हजारों की संख्या में पहुंचे शिव भक्तों ने आचमन किया। वहीं दूसरी तरफ भिवानी जहर गिरी मंदिर आश्रम के शिवालय में भी गंगाजल अभिषेक किया गया। हरिद्वार से मंदिर के श्रीमहंत डा. अशोक गिरी महाराज व काफी संख्या में शिव भक्त हरिद्वार हर की पौड़ी से गंगाजल लेकर भिवानी छोटी काशी पहुंचे थे।
महाशिवरात्रि पर भिवानी के जोगीवाला मंदिर के महंत वेदनाथ महाराज ने कहा कि हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत महत्व है। महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का त्योहार हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। फाल्गुन माह में ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव व देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था और आज के दिन ही भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का धरती पर प्राकट्य हुआ था। जिसके चलते देश भर में महा शिवरात्रि देश भर के हर छोटे-बड़े मंदिरों में मनाई जाती है। महाशिवरात्रि पर श्रद्धालु महादेव की पूरे विधि-विधान से पूजा करते है तथा व्रत रखकर सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना करते है।
श्रद्धालु कल्लू भट्ट ने बताया कि भगवान शिव की अराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि पर सुबह से ही मन्दिर में भक्तों की लंबी-लंबी कतारे रही। उन्होंने कहा कि भगवान शिव कण-कण में निवास करते हैं और आज के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती ने पानी ग्रहण किया था और आज के दिन ही प्राकृतिक रूप से भगवान शिव की ज्योतिर्लिंग अवतार में आई। उन्होंने कहा कि भगवान शिव की आराधना करने से भगवान शिव खुश होते हैं।