धर्म/अध्यात्म

अपनी बुराइयों और कमजोरियों को शिव पर अर्पण करें : बीके रजनी

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने निकाली भव्य शोभायात्रा

भिवानी,(ब्यूरो): यहां रूद्रा कालोनी स्थित दिव्य भवन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में 89वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बीके रजनी दीदी ने शिवरात्रि के महत्व को सभी के समक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि शिवरात्रि पर व्रत, पूजा जैसे सभी कार्य दिन में होने के बावजूद भी नाम रात्रि लगाया जाता है क्योंकि यह स्वयं निराकार शिव परमात्मा के कलयुग अंत और सतयुग आदि के संगम पर अवतरण का दिवस है चूंकि परमपिता परमात्मा शिव इस कलयुग रूपी घोर रात्रि में अपने गीता में किए वादे को पूरा करने अवतरित होकर इस भ्रष्टाचारी, दु:ख दर्द और पाप की दुनिया को बदल श्रेष्ठाचारी ,सुख शांति की पावन दुनिया बनाते हैं इसीलिए इस महापर्व का नाम शिवरात्रि रखा गया है। इस दिन शिव भक्त शिवलिंग पर आक, धतूरा चढ़ाते हैं जिसका आध्यात्मिक रहस्य है कि हम अपनी बुराइयों और कमजोरियों को शिव पर अर्पण करें और बेर चढ़ाना अंदर के वैर को समर्पित करने का प्रतीक है। परमात्मा का नाम गुणवाचक है इसीलिए उन्हें सोमनाथ बैद्यनाथ बाबुलनाथ के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव सदा ही सबके कल्याणकारी होने के कारण सदाशिव के नाम से जाने जाते हैं।छोटे छोटे बच्चों ने भी नाटक के माध्यम से दिखाया कि कैसे शिव और शंकर एक नहीं अलग-अलग हैं जहां शिव निराकार ज्योति बिंदु हैं, जन्म मृत्यु और शरीर के बंधन से परे स्वयं इस भूमि पर अवतरित होने वाले स्वयंभू है, सर्व के कल्याणकारी है वहीं शंकर आकारी हैं,इनके तीसरे नेत्र खुलने पर विनाश का वर्णन है। दोनों अलग होने के कारण ही शंकर को सदैव शिव का प्रतीक ज्योतिर्लिंग का ध्यान करते हुए दिखाया जाता है। परमेश्वर शिव ब्रह्मा, विष्णु, महेश के भी रचयिता हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि नगर पार्षद मनीष गुरेजा ने शिव ध्वजारोहण और दीप प्रज्ज्वलित किया गया । भव्य कलश यात्रा भी निकाली गई। इस अवसर पर बीके संदीप, बीके सज्जन, बीके सुभाष गोयल, बीके राजकुमार, बीके विनती, बीके नीलम , बीके मंजू सहित अनेकों बीके भाई बहन मौजूद रहे।

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