आत्मा का प्रभाव प्रकृति पर पड़ता है: बीके प्रेम
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रोहतक, (ब्यूरो): अच्छा संग आगे बढऩे का बल और हिम्मत देता है। जिससे संस्कार परिवर्तन से विश्व परिवर्तन की नींव रखी जा सकती है। यह बात सूर्य नगर स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज की गीता पाठशाला प्रमुख बीके प्रेम बहन ने शिव बाबा का ध्वज फहराते हुए कही। बीके प्रेम ने कहा कि जीवन के कुछ आध्यात्मिक समीकरण होते हैं, जो हमें ध्यान रखने हैं। हमें यह हमेशा याद रखना है कि आत्मा का प्रभाव प्रकृति पर पड़ता है। संकल्प से सृष्टि बनती है। जब भी बाहर कोई चेंज आएगा, तो हमारे पास एक विकल्प है। हम जैसे थे वैसे नहीं रह सकते, लेकिन चेंज होते समय यह याद रखना होगा कि हमारा बदलाव, बाहर के बदलाव को प्रभावित करेगा। प्रेम बहन ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपने समुदाय का पूर्ण रूप से विचार परिवर्तन करने के लिए तन-मन व अन्न का सुद्धिकरण होना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में संस्कारों का मनुष्य के जीवन मेें विशेष महत्व था। संस्कारों के द्वारा मनुष्य अपनी सहजवृतियों का पूर्ण विकास करके अपना व समाज दोनों का कल्याण करता है। इस अवसर पर बीके सुमन, बीके शीला, बीके भगवती, बीके निर्मला, बीके कविता, बीके सावित्री, बीके केला, बीके कमला, बीके सुनीता व मीडिया कॉर्डिनेटर बीके धर्मवीर सहित अनेक ब्रह्मावत्स उपस्थित रहे।