क्रेच में रह सकेंगे कामकाजी महिलाओं के छह महीने से छह साल के बच्चे: डीसी कौशिक
जिला में 21 क्रेच केंद्रों का हुआ उद्घाटन

भिवानी, (ब्यूरो): डीसी महावीर कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार के निर्देशानुसार क्रेच केंद्रों की शुरुआत की गई है। इन क्रेच केंद्रों में कामकाजी महिलाओं के छह महीने से छह साल के बच्चे रह सकेंगे। इसमें बच्चों को मुफ्त, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण बाल देखभाल सेवाएं प्रदान की जाएंगी। जिला में आज कुल 21 क्रेच केंद्र का उद्घाटन किया गया है। डीसी कौशिक सोमवार को स्थानीय सेक्टर-13 स्थित क्रैच सेंटर का शुभारंभ कर रहे थे। डीसी ने क्रेच सेंटर का रिबन काट कर शुरुआत की और बच्चों को चॉकलेट आदि वितरित की। उन्होंने बताया कि क्रैच सेंटर खोलने से कामकाजी महिलाओं की सुविधा के लिए बनाए गए इन सेंटर में छह महीने से छह साल तक के बच्चों को एडमिशन दिया जाता है। प्रशासन का प्रयास है कि क्रेच की व्यवस्थाएं और अधिक सुदृढ़ हों, ताकि कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चों की देखभाल के लिए बेहतरीन सुविधा मिल सके। डीसी महावीर कौशिक ने बताया कि क्रेच केंद्रों के माध्यम से बच्चों को आधुनिक सुविधाएं दी जा रही है। ये क्रेच सेंटर रोजाना 8 से 10 घंटे खुले रहेंगे। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य सेवाएं में क्रैच के माध्यम से बच्चों के लिए शैक्षणिक सामग्री, खेल उपकरण और स्वास्थ्य जांच की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। गांवों और शहरों दोनों जगह क्रेच खुलेंगे। बच्चों की देखभाल के लिए गांवों में भी गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इससे महिलाओं की जरूरतें पूरी होगी, बल्कि महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा और उनके बच्चों को सुरक्षित और बेहतर माहौल में देखभाल मिलेगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी वैशाली ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए यह पॉलिसी बनाई गई है। उन्होंने बताया कि क्रेच में कामकाजी महिलाओं के बच्चों (6 महीने से 6 वर्ष) के लिए डे-केयर सुविधाएं प्रदान करने, बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करने, बच्चों के शारीरिक, संज्ञानात्मक, सामाजिक और भावनात्मक विकास (समग्र विकास) को बढ़ावा देने व 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए प्री स्कूल शिक्षा, पूरक पोषण, विकास निगरानी तथा स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण की सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र कम क्रेच में बच्चों के खेलने के सामान और खिलौने के साथ ही पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण, सोने की व्यवस्था, शिक्षा तथा शारीरिक व सामाजिक-भावनात्मक विकास के लिए तमाम इंतजाम होंगे। उन्होंने बताया कि पुराने क्रेच को भी नई पॉलिसी के तहत अपग्रेड किया जा रहा है। बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर अभिभावक और स्टाफ के आईडी कार्ड भी बनाए जाएंगे। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग का स्टाफ, बच्चे व उनके अभिभावक मौजूद थे।