हरियाणा में राजस्व एवं आपदा विभाग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए प्रदेश के 370 पटवारियों की सूची जारी की है। इन पर भ्रष्टाचार और निजी सहायक रखने के गंभीर आरोप हैं। सूची के अनुसार, कैथल जिले के 46 पटवारियों का नाम शामिल है, जिनमें से 7 ने निजी सहायक भी रखे हुए हैं। जिनपर आरोप है कि ये पटवारी लोगों के कार्यों के बदले रिश्वत लेते हैं और प्राइवेट सहायक के माध्यम से काम करवाते हैं। इन निजी सहायकों को बिना किसी आधिकारिक अनुमति के रखा गया है, जिससे सरकारी प्रक्रिया में अनियमितताएं बढ़ रही हैं।
डीसी को कार्रवाई के निर्देश
राजस्व विभाग ने संबंधित जिलों के उपायुक्तों (डीसी) को निर्देश दिया है कि वे 15 दिनों के अंदर इन पटवारियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई करें। विभाग ने यह भी साफ किया है कि दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कैथल जिले के 46 पटवारियों पर नजर
कैथल जिले में सबसे ज्यादा 46 पटवारी इस सूची में शामिल हैं। इनमें से 7 ने अपने निजी सहायक रखे हुए हैं, जो जनता से संपर्क कर रिश्वत के जरिए काम करवाते हैं। इन पटवारियों के खिलाफ जनता की शिकायतें लगातार बढ़ रही थीं। कई बार यह सामने आया कि जमीन संबंधित काम, नामांतरण, और रिकॉर्ड की नकल देने जैसे कार्यों के बदले मोटी रकम वसूली जाती है।
सरकार का सख्त कदम
हरियाणा सरकार ने साफ किया है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई से प्रदेश में ईमानदार प्रशासनिक व्यवस्था लागू करने की कोशिश की जा रही है। इस सूची के वायरल होने और कार्रवाई की खबर से पटवारी वर्ग में हड़कंप मच गया है। जनता को उम्मीद है कि सरकार की यह सख्त कार्रवाई पारदर्शिता और न्याय की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
डीआरओ चंद्रमोहन ने कहा कि भ्रष्टाचार और निजी सहायक रखने के गंभीर आरोप हैं। सूची में कैथल जिले के 46 पटवारियों का नाम शामिल है, जिनमें से 7 ने निजी सहायक भी रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इनके खिलाफ जो जरूरी कार्रवाई बनेगी, वो जरूर करेंगे।