पहली बार हारने के बाद भी बाजीगर बने ओपी चौटाला, मशहूर है ये किस्सा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया। ओमप्रकाश चौटाला ने 89 साल में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। बता दें ओमप्रकाश चौटाला को कल सुबह 8 से 2 बजे तक तेजा खेड़ा फार्म पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे उनको मुखाग्नि दी जाएगी।
ओपी चौटाला ऐसे नेता रहे जिनका मुख्यमंत्री का कार्यकाल 5 दिन से लेकर 5 साल तक का रहा। उनसे जुड़े कई रोचक किस्से भी मशहूर हैं। इसमें से एक किस्सा ये भी था कि ओपी चौटाला ने पहली बार चुनाव लड़ा और हार गए। इस बाद उन्होंने जिद्द पर अड़े रहे और चुनाव रद्द करवाकर दोबारा फिर से उपचुनाव कराया और जीत गए।
साल 1968 में हरियाणा में विधानसभा के चुनाव हुए। ऐलनाबाद सीट से ओम प्रकाश चौटाला ने चुनाव लड़ा। पारंपरिक सीट होने की वजह से यहां के चुनाव में पूरे चौधरी परिवार ने ताकत झोंक दी, लेकिन चौटाला विशाल हरियाणा पार्टी के लालचंद्र खोड़ा से चुनाव हार गए।
चुनाव हारने के बाद ओम प्रकाश चौटाला ने धांधली का आरोप लगाए। फिर वे हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़े। आखिर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1970 में ऐलनाबाद सीट पर उपचुनाव की घोषणा हुई। चौटाला यहां से उपचुनाव में उतरे और जीतकर पहली बार विधायक बने।