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अडानी, मणिपुर और किसानों के मुद्दों पर हरियाणा कांग्रेस ने किया राजभवन मार्च

चंडीगढ़ : उद्योगपति गौतम अदानी के भ्रष्टाचार पर अमेरिका में हुए खुलासे और मणिपुर में जारी हिंसा के मुद्दे को लेकर देशभर की तरह हरियाणा कांग्रेस ने भी जोरदार प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान,पार्टी के सहप्रभारी जितेंद्र बघेल,कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज के नेतृत्व में बड़ी तादाद में कांग्रेस नेता ,विधायक व कार्यकर्ताओं ने राजभवन की तरफ मार्च किया।

लेकिन पुलिस ने तानाशाही दिखाते हुए शांतिपूर्ण आगे बढ़ रहे मार्च को रास्ते में ही रोक दिया। लेकिन बैरिकेडिंग पर ही कांग्रेसजनों ने तमाम मुद्दों को लेकर जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर चौधरी उदयभान ने अदानी के भ्रष्टाचार की जांच और मणिपुर में शांति बहाली की मांग को उठाया। उन्होंने दोनों ही मामलों में बीजेपी सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए व सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की। सरकार अदानी के मामले में जांच से बच रही है। यहां तक कि उसने संसद में भी इस मामले पर चर्चा नहीं होने दी। इसलिए कांग्रेस सड़कों पर उतरी है।

इस मौके पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि कांग्रेस तमाम मुद्दों के साथ किसानों की तरफ भी सरकार का ध्यान दिलाना चाहती है। बीजेपी को आंदोलनरत किसानों के साथ बातचीत कर जल्द कोई समाधान निकालना चाहिए। क्योंकि 22 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत बहुत चिंताजनक हो चुकी है। उनका जीवन सभी के लिए अनमोल है। इसलिए सरकार को तुरंत उनकी मांगों का समाधान कर अनशन खत्म करवाना चाहिए।

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सड़क से लेकर संसद तक किसानों की मांगों को उठा रही है। किसानों की मांग पूरी तरह जायज और कई साल पुरानी है। खुद बीजेपी ने एमएसपी का वादा करके किसान आंदोलन को खत्म करवाया था। किसानों को दिए गए आश्वासन के मुताबिक आजतक एमएसपी कमेटी का कोई अता-पता नही है। अब किसान सरकार को वही वादा याद दिला रहे हैं। बीजेपी ने एमएसपी देने का वादा करके किसानों की आय डबल करने का एलान किया था। लेकिन वो अपने वादे को भूल गई और किसानों की आय डबल करने की बजाए उसकी लागत को कई गुना बढ़ा दिया।

हुड्डा ने कहा कि अब तक किसानों का पूरा आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है। सरकार की बात मानते हुए वो बिना ट्रैक्टर ट्रॉली के दिल्ली जाने को भी राजी हो गए हैं। फिर भी किसानों को दिल्ली जाने से रोकना पूरी तरह अलोकतांत्रिक कदम है। प्रजातंत्र में सभी नागरिकों को शांतिपूर्ण तरीके से कहीं भी आने-जाने या अपनी बात कहने का अधिकार है।

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