इस साल दिसंबर ने दी ‘राहत वाली हवा’, 8 साल बाद नोएडा-गाजियाबाद की फिजा में सुधार; क्या कहते हैं आंकड़े?
दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में पिछले कुछ महीनों से हवा बहुत खराब श्रेणी में थी. लोग लंबे समय तक गैस चैंबर में रहने को मजबूर हुए, लेकिन अब खुशखबरी है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के अनुसार दिसंबर का महीना एयर क्वालिटी के मामले में नोएडा के लिए अच्छा रहा है. बोर्ड के मुताबिक गाजियाबाद-नोएडा में इस महीने के पहले पांच दिन तक हवा की गुणवत्ता मॉडरेट कैटेगरी में रही है, ये 2017 के बाद हुआ है. नोएडा में 7 दिसंबर को एक्यूआई 168 रहा. वहीं गाजियाबाद के संजय नगर में एक्यूआई 124 और वसुंधरा का एक्यूआई 154 रहा.
गाजियाबाद और नोएडा में 2 से 6 दिसंबर तक लगातार पांच दिन तक वायु गुणवत्ता मध्यम दर्ज की गई है. यूपीपीसीबी के अनुसार, नोएडा और गाजियाबाद में 2017 से 2023 के बीच एक भी दिन हवा की एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) अच्छा या संतोषजनक नहीं रहा है.
किस साल कौन सी कैटेगरी में रहा एक्यूआई?
बोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा में 2017 में मात्र दो दिन और 2018, 2019, 2020 और 2021 में मात्र एक- एक दिन ही मॉडरेट कैटेगरी में रही. वहीं 2022 में चार दिन और 2023 में एक भी दिन नोएडा की हवा मॉडरेट नहीं रही. UPPCB के आंकड़ों के मुताबिक गाजियाबाद में 2017, 2020 और 2021 में एक भी दिन एक्यूआई मॉडरेट कैटेगरी में नहीं रही. वहीं 2018 और 2019 में सिर्फ एक, 2022 में पांच और 2023 में मात्र दो दिन एक्यूआई मॉडरेट रहा.
Grap लागू करने से प्रदूषण हुआ कम
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में इस हफ्ते लगातार सुधार देखा जा रहा है. सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक 15 अक्टूबर के बाद से दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया और हवा खराब, बेहद खराब, गंभीर या अति गंभीर श्रेणी में रही. राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (Grap) के तहत प्रदूषण कम करने के उपायों को लागू करने से भी मदद मिली है. पिछले एक हफ़्ते में पराली जलाने का असर काफी कम हुआ है. AQI पैमाने के अनुसार, शून्य और 50 के बीच AQI को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब, 401 और 450 को गंभीर और 450 से ऊपर को गंभीर से अधिक माना जाता है.