धीरेन्द्र शास्त्री पार्टी के एजेंट बन गए हैं… बागेश्वर बाबा की यात्रा का शंकराचार्य ने क्यों किया विरोध?
धीरेन्द्र शास्त्री के सनातन धर्म में जाति-पांति के विरोध स्वरूप किए जा रहे पदयात्रा का हिमालय में स्थित बदरिकाश्रम वाले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने विरोध किया है. शंकराचार्य ने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री एक पार्टी के एजेंट बन गए हैं,जो उनके लिए हिन्दू वोट बैंक जुटाने का काम कर रहे हैं. हिन्दू धर्म को समझने वाले जानते हैं कि जाति और वर्ण सनातन की विशेषता है और इसकी विदाई की बात करने वाले हिन्दू विरोधी हैं.
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आरोप लगाया कि धीरेन्द्र शास्त्री कह रहे हैं कि जाति-पांति की करो विदाई हिन्दू हिन्दू भाई भाई. ऐसे में जैसे ही आप जाति पांति की विदाई की बात करते हैं आप सनातनी रह ही नही जाते. जब आप सनातनी रह ही नहीं जाओगे तो फिर कैसे भाई भाई रह पाओगे.धीरेन्द्र शास्त्री पॉलिटिकल एजेंडा लेकर लोगों के बीच गए हैं उसको इम्प्लीमेंट कराने के लिए इसका सनातन से कोई लेना देना नहीं है.
जाति ही छोड़ देंगे तो हम अपनी पहचान भी खो देंगे
शंकराचार्य स्वामी अविमुकतेश्वरानंद ने कहा कि आंदोलन तो इसके लिए होना चाहिए कि वर्णआश्रम को मानते हुए हम किसी से घृणा नही करें न ही किसी को नीचा दिखाएं जब हम जाति ही छोड़ देंगे तो हम अपनी पहचान भी खो देंगे.पुरी के शंकराचार्य ने तो यहां तक कहा कि इस आदमी के हाथ का पानी तक नही पिएंगे.
शंकराचार्य ने क्यों कही ये बात?
धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही में एक कार्यक्रम में हिंदू राष्ट्र को लेकर बयान दिया था, जो बहुत वायरल हो गया था. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि हमें भारत में जात पात, ऊंच नीच,छुआछूत,भेदभाव को मिटाना है. हालांकि लोगों के लोगों के सर नेम तो होंगे लेकिन अब सरकार को केवल दो जाति बनानी चाहिए तभी भारत में समृद्ध होगा. कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि भारत में वर्तमान में हो रहे अंधविश्वास को रोकने की जरूरत है. ऐसे में हमें सरकार के भरोसे नहीं बैठना चाहिए. हमने तैयारी कर ली है. हमें खुद सरकार बनना चाहिए. बागेश्वर बाबा हिन्दू राष्ट्र नहीं बना पाएंगे अब भारत के प्रत्येक युवा भाई-बहन को बागेश्वर बाबा बनना पड़ेगा तभी हिंदू राष्ट्र बनेगा.