IND vs NZ: 107 रन का टारगेट टीम इंडिया के लिए है लकी, न्यूजीलैंड के लिए यही है मुश्किल सबसे बड़ी
बेंगलुरु टेस्ट में जीत और हार का फैसला 107 रन से होना है. इस टारगेट को अब न्यूजीलैंड चेज कर लेता है या फिर टीम इंडिया उसे डिफेंड करेगी, ये देखना दिलचस्प रहने वाला है. दिलचस्प इसलिए क्योंकि 107 रन वो टारगेट है, जो टीम इंडिया के लिए लकी रहा है. मतलब, उस टारगेट को उसने डिफेंड किया है. और, ऐसा करते हुए जीत भी दर्ज की है. ऐसे में अगर इस स्कोर को हासिल करने की चाह में न्यूजीलैंड खुद मुसीबत में उलझती दिखे तो हैरान मत होइएगा.
10 विकेट हाथ में फिर भी न्यूजीलैंड की जीत पक्की नहीं!
भारत के खिलाफ बेगलुरु में खेले जा रहे टेस्ट मैच के 5वें दिन न्यूजीलैंड जब 107 रन के टारगेट को चेज करने उतरेगी तो उसके हाथ में 10 विकेट होंगे. लेकिन, वैसे तो पूरी टीम के लिए मिलकर 107 रन बनाना कोई बड़ी बात नहीं. लेकिन, जिस तरह से इस स्कोर पर टीम इंडिया ने पहले जीत का चोला पहना है, उससे हाथ में 10 विकेट बचे होने के बाद भी न्य़ूजीलैंड की जीत सुनिश्चचित नहीं है.
2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था 107 रन डिफेंड
अब ये जान लीजिए कि टेस्ट मैच में पहले 107 रन का टारगेट किस टीम के खिलाफ डिफेंड किया था? उसने किस टीम को हराया था? और, ऐसा कब हुआ है? इसके तार 20 साल पहले से जुड़ते हैं. साल 2004 के नवंबर महीने में खेले टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने भी 107 रन का लक्ष्य रखा था, जिसे हासिल करने में कंगारू टीम नाकाम रही थी. 107 रन डिफेंड करते हुए भारत ने वो मैच 13 रन से जीता था.
10 विकेट हाथ में फिर भी न्यूजीलैंड की जीत पक्की नहीं!
भारत के खिलाफ बेगलुरु में खेले जा रहे टेस्ट मैच के 5वें दिन न्यूजीलैंड जब 107 रन के टारगेट को चेज करने उतरेगी तो उसके हाथ में 10 विकेट होंगे. लेकिन, वैसे तो पूरी टीम के लिए मिलकर 107 रन बनाना कोई बड़ी बात नहीं. लेकिन, जिस तरह से इस स्कोर पर टीम इंडिया ने पहले जीत का चोला पहना है, उससे हाथ में 10 विकेट बचे होने के बाद भी न्य़ूजीलैंड की जीत सुनिश्चचित नहीं है.
2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था 107 रन डिफेंड
अब ये जान लीजिए कि टेस्ट मैच में पहले 107 रन का टारगेट किस टीम के खिलाफ डिफेंड किया था? उसने किस टीम को हराया था? और, ऐसा कब हुआ है? इसके तार 20 साल पहले से जुड़ते हैं. साल 2004 के नवंबर महीने में खेले टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने भी 107 रन का लक्ष्य रखा था, जिसे हासिल करने में कंगारू टीम नाकाम रही थी. 107 रन डिफेंड करते हुए भारत ने वो मैच 13 रन से जीता था.