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उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री, सुरिंदर चौधरी डिप्टी CM, जम्मू-कश्मीर में 6 साल बाद बनी सरकार

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने आज श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. अब्दुल्ला 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बने हैं. अनुच्छेद 370 हटने के बाद तत्कालीन राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था.

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में अब्दुल्ला का यह दूसरा कार्यकाल होगा. पहले कार्यकाल में वह 5 जनवरी, 2009 और 8 जनवरी, 2015 के बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे. उमर अब्दुल्ला को शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शपथ दिलाई. कहा जा रहा है उपराज्यपाल सिर्फ 4 चुने हुए विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाएंगे.

उमर अब्दुल्ला शपथ ग्रहण समारोह लाइव अपडेट्स…

  • उमर अब्दुल्ला ने सुरिंदर कुमार चौधरी को उपमुख्यमंत्री बनाया है. उन्होंने नौशेरा से चुनाव लड़ा और बीजेपी नेता रविंदर रैना को हराया.
  • उमर अब्दुल्ला के अलावा पांच कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली है, जिसमें सतीश शर्मा, सकीना येतू, जावेद डार, सुरिंदर चौधरी और जावेद राणा शामिल हैं.
  • उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. वह केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं. उन्हें उपराज्यपाल मनोज सिंहा ने शपथ दिलाई है.
  • जेकेएनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला श्रीनगर स्थित अपने आवास से रवाना हुए. वे श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.
  • लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए श्रीनगर पहुंचे।
  • उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह पर कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में लंबे समय के बाद चुनाव हुए थे और यह स्पष्ट था कि वहां भारतीय जनता पार्टी गठबंधन की सरकार बनेगी. पिछले 10 सालों में जम्मू-कश्मीर की दुर्दशा बहुत खराब रही है. अब हम लोगों के लिए स्वच्छ सरकार चाहते हैं. उनके लिए विकास होना चाहिए. हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोग वहां सक्रिय हों और उनके विकास के बारे में बातचीत होनी चाहिए.’
  • जम्मू-कश्मीर के सीएम के रूप में उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि केंद्र और एलजी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर की नई सरकार को लोगों के लिए काम करने का अवसर देंगे.
  • उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैं 6 साल का कार्यकाल पूरा करने वाला आखिरी मुख्यमंत्री था. अब मैं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला मुख्यमंत्री बनूंगा. 6 साल तक सेवा की, मैं इससे काफी खुश हूं. मुझे उम्मीद है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है. हम लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करके शुरू करना होगा. बहुत कुछ करना है, लोगों को एक हौसला देना है कि उनकी हुकूमत है, उनकी आवाज सुनी जाएगी. 5-6 साल हो गए कोई लोगों को सुनने के लिए तैयार नहीं था. हमारा फर्ज बनेगा कि हम उनकी बात सुने और उस पर अमल करें. हमारी कोशिश रहेगी कि हम लोगों के उम्मीदों के बराबर आएं.’
  • समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि, NCP-SCP सांसद सुप्रिया सुले और CPI नेता डी राजा जम्मू-कश्मीर के मनोनीत मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए श्रीनगर पहुंचे.

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 50 वीवीआईपी मेहमानों को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बुलाया गया. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आज शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुईं.

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीती हैं 42 सीटें

अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने जीत दर्ज की है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 6 सीटें जीतीं. पांच निर्दलीय विधायकों और आम आदमी पार्टी (आप) के एक विधायक के समर्थन से बहुमत और मजबूत हुआ. भारतीय जनता पार्टी ने 29 सीटें जीतीं, जबकि 2014 के विधानसभा चुनावों में उसे 25 सीटों पर जीत मिली थी.

जम्मू और कश्मीर में जून 2018 से राष्ट्रपति शासन लागू था, जब बीजेपी ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. जम्मू-कश्मीर चुनाव का रिजल्ट जारी होने के बाद राष्ट्रपति शासन हटाया गया और नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हुआ.

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