इजराइल की धमकी का ईरान के सुप्रीम लीडर पर असर नहीं, खुले में घूम रहे खामेनेई
इजराइल की धमकियों को दरकिनार कर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई एक बार फिर लोगों के बीच नजर आ गए हैं. हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद ईरान ने उन्हें किसी सुरक्षित जगह पर पहुंचाया था. लेकिन मंगलवार को ईरान का बदला पूरा होते ही खामेनेई लोगों के बीच पहुंच गए हैं.
ईरान की न्यूज एजेंसी IRNA ने सुप्रीम लीडर खामेनेई की कुछ खास लोगों से मिलने की तस्वीर जारी की है, IRNA के मुताबिक वह टॉप साइंटिस्ट, यूनवर्सिटी इंट्रेस एग्जाम के टॉप स्टूडेंट्स और कुछ प्रतिष्ठित लोगों के समूह से मिलने पहुंचे. तस्वीरों छात्रों की भारी भीड़ अयातुल्लाह अली खामेनेई का अभिवादन करती दिख रही है.
नसरल्लाह की मौत बड़ा नुकसान-खामेनेई
अयातुल्लाह अली खामेनेई के संबोधन के दौरान पास में ही हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की एक बड़ी सी तस्वीर रखी नजर आ रही है. उन्होंने इस कार्यक्रम में हिजबुल्लाह चीफ की मौत पर शोक जताते हुए कहा कि, ‘मैं बहुत ज्यादा दुखी हूं, हसन नसरल्लाह की मौत बहुत नुकसान पहुंचाने वाली घटना है, हालांकि यह दुख हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने वाला होना चाहिए.’
अमेरिका, यूरोपीय देशों पर बड़ा हमला
ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने ईरान के इजराइल पर हमले के बाद क्षेत्रीय संघर्ष को लेकर बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा है कि वे जल्द गाजा और लेबनान के मुद्दे पर विस्तार से बात करेंगे. खामेनेई ने कहा कि मिडिल ईस्ट में जारी संघर्ष और इस क्षेत्र की समस्या की जड़ अमेरिका और कुछ यूरोपियन ताकतों की मौजूदगी है. जो क्षेत्र में स्थिरता और शांति की वकालत करने का झूठा दावा करते हैं.
खामेनेई को इजराइल से खतरा क्यों?
इजराइल गाजा में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह और यमन में हूती विद्रोहियों के साथ संघर्ष कर रहा है. ये सभी संगठन ईरान के प्रॉक्सी गुट माने जाते हैं, जिन्होंने दशकों से इजराइल की नाक में दम कर रखा है. बीते कुछ दिनों से इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू बार-बार संकेत दे रहे हैं कि उनका नंबर वन दुश्मन ईरान है, लिहाजा माना जा रहा है कि इजराइल का अगला टारगेट ईरान और सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई हो सकते हैं.
इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री नेफ्टाली बेनेट ने भी अपनी एक पोस्ट में खामेनेई को टारगेट किया है, यही नहीं उन्होंने ईरान के ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 2’ को मिडिल ईस्ट का नक्शा बदलने के लिए बड़ा मौका भी बताया है.