पहले दो चरणों में 44% से अधिक उम्मीदवार निर्दलीय, उमर अब्दुल्ला ने बताया BJP की चाल
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे यहां निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती जा रही है. जम्मू-कश्मीर के एक आंकड़े के अनुसार पहले दो चरणों में कुल उम्मीदवारों में से 44 प्रतिशत उम्मीदवार निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव के बाद के परिदृश्य में वे संभावित किंगमेकर के तौर पर अहम भूमिका निभा सकते हैं.
जम्मू-कश्मीर के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से कुल 214 निर्दलीय उम्मीदवारों ने पहले और दूसरे चरण में निर्दलीय चुनाव लड़ने का विकल्प चुना है. निर्दलीय उम्मीदवारों में सांसद इंजीनियर अब्दुल रशीद शेख की अगुआई वाली आवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) से जुड़े लोग भी शामिल हैं, जिन्हें जेल से जमानत पर रिहा किया गया था. इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा पहले से प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी संगठन के 4 उम्मीदवार भी निर्दलीय के तौर पर चुनावी मैदान में हैं.
निर्दलीय उम्मीदवारों से कई पार्टियों के वोट बैंक को खतरा
एआईपी ने विधानसभा चुनाव के पहले दो चरणों के लिए कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में अब तक 26 उम्मीदवार उतारे हैं. जबकि जमात-ए-इस्लामी के 4 पूर्व सदस्य अब तक चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि आगामी चुनावों में विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि हुई है.
विधानसभा में इन स्वतंत्र उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि उन राजनेताओं के लिए चिंता का कारण बन गई है, जिनके पास कई पारंपरिक वोट बैंक हैं. जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस पहले नंबर पर है और पीडीपी दूसरे नंबर पर है. दोनों प्रसिद्ध पार्टियों को लगता है कि स्वतंत्र उम्मीदवारों की मौजूदगी उनके वोट काट सकती है और उनके विरोधियों को फायदा पहुंचा सकती है.
विधानसभा चुनाव के दो चरणों के लिए नामांकन की तिथि समाप्त हो गई है. जबकि तीसरे चरण के तहत होने वाले उत्तरी कश्मीर की सीटों के लिए नामांकन अभी भी जारी है. चुनाव आयोग द्वारा जारी तिथियों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर की कुल 90 विधानसभा सीटों में से पहले चरण में 24 सीटों के लिए 18 सितंबर को, दूसरे चरण में 26 सीटों के लिए 25 सितंबर को और तीसरे और अंतिम चरण में शेष 40 सीटों पर मतदान होगा.
निर्दलीय उम्मीदवारों को फंडिंग कहां से मिलती है- खरगे
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला न सिर्फ निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या को भाजपा की चाल बता रहे हैं, बल्कि महबूबा ऐसे निर्दलीय उम्मीदवारों की फंडिंग पर भी सवाल उठा रही हैं, जिनमें इंजीनियर रशीद भी शामिल हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने भी महबूबा मुफ्ती की तर्ज पर इन निर्दलीय उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के पीछे साजिश का संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि इन निर्दलीय उम्मीदवारों को फंडिंग कहां से मिलती है और कौन उन्हें मैदान में उतार रहा है?
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य नासिर हुसैन ने भी निर्दलीय उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के पीछे इसे भाजपा की साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि भाजपा राज्यों को बांटकर विभिन्न स्थानों पर निर्दलीय और प्रॉक्सी उम्मीदवार उतारती है. भाजपा इसी तरह चुनाव लड़ती है. वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक कोल के अनुसार अभी सबसे ज्यादा फोकस चुनाव लड़ने पर है और पार्टी का मुख्य लक्ष्य जम्मू की ज्यादातर सीटें जीतना है.