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IAS पूजा खेडकर ने वाशिम में संभाला पदभार, लेकिन इस बीच वायरल हो गई ये WhatsApp चैट

महाराष्ट्र : विवादास्पद आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने बृहस्पतिवार को विदर्भ क्षेत्र में वाशिम जिला समाहरणालय में सहायक जिलाधिकारी का पदभार ग्रहण कर लिया लेकिन इन दावों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए अवैध तरीकों का इस्तेमाल किया था। खेडकर को सोमवार को धमकाने और अनुचित व्यवहार के आरोपों के चलते पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया था। उन पर भारतीय प्रशासनिक सेवा में स्थान पाने के लिए विकलांग श्रेणी और अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत लाभों का कथित रूप से दुरूपयोग करने का भी आरोप है।

अब उनकी डिमांड्स को लेकर व्हाट्सएप चैट (WhatsApp chat) वायरल हो रही है। ये चैट तब की हैं, जब वह पुणे जॉइन हो रहीं थीं।कलेक्टरेट के एक अधिकारी के साथ उनकी व्हाट्सएप चैट से पता चला है कि वह अधिकारी को निर्देश दे रही हैं कि 3 जून को उनके पदभार ग्रहण करने से पहले वह उनके द्वारा मांगी जा रही चीजों को उपलब्ध कराएं। उन्होंने अधिकारी से कहा, ‘कृपया 3 तारीख को मेरी जॉइनिंग से पहले निर्धारित केबिन और कार का काम पूरा कर लें. उसके बाद समय नहीं मिलेगा. अगर यह संभव नहीं है तो मुझे बताएं, मैं कलेक्टर साहब से इस बारे में बात करूंगी।

वहीं पदभार संभालने के बाद वर्ष 2023 आईएएस बैच के परिवीक्षाधीन अधिकारी ने कहा, ‘‘मैं वाशिम जिला समाहरणालय में अपना प्रभार संभालकर खुश हूं और यहां काम करने को लेकर आशान्वित हूं।” जब उनसे उन पर लगे आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस मुद्दे पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हूं। सरकारी नियम मुझे इस पर बोलने की अनुमति नहीं देते।” पुणे में अपने कार्यकाल के दौरान लालबत्ती वाली शानदार ऑडी कार के (का इस्तेमाल करने के) बजाय बृहस्पतिवार को खेडकर को (वाशिम में) जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई एक साधारण बोलेरो कार से उतरते देखा गया।

बृहस्पतिवार को जब पुणे पुलिस के अधिकारी लालबत्ती और वीआईपी नंबर संबंधी उल्लंघनों को लेकर ऑडी कार का निरीक्षण करने के लिए पुणे में खेडकर के बंगले पर गए तो उन्होंने पाया कि बंगले के गेट बंद हैं। एक मराठी समाचार चैनल ने दिखाया कि गेट के अंदर उनकी मां थीं और वह कैमरा टीम को मौके से भगाने की कोशिश कर रही थीं। खेडकर का तब वाशिम तबादला कर दिया गया जब पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवासे ने महाराष्ट्र के अवर मुख्य सचिव नितिन गडरे को पत्र लिखकर उनसे ‘प्रशासनिक जटिलताओं’ से बचने के लिए खेडकर को अन्य जिले में पदस्थापन देने पर विचार करने का अनुरोध किया था।

दिवासे ने खेडकर के खिलाफ उनके व्यवहार को लेकर कार्रवाई की अपील की थी, जिसमें कनिष्ठ कर्मचारियों के साथ आक्रामक आचरण, अतिरिक्त जिलाधिकारी अजय मोरे के चैंबर (मुख्य कमरे/कार्यालय से सटा एक छोटा कमरा) पर अवैध कब्जा और ऑडी पर लाल बत्ती लगाने और दिन में उसे चालू कर के चलने से संबंधित उल्लंघन शामिल थे। वाशिम की जिलाधिकारी बुवनेश्वरी एस ने कहा, ‘‘ परिवीक्षा अधिकारी पूजा खेडकर ने महाराष्ट्र सरकार के आदेशानुसार प्रशिक्षण के वास्ते जिलाधिकारी कार्यालय में अपना प्रभार ग्रहण कर लिया है। वह अपनी प्रशिक्षण अवधि में विभिन्न सरकारी विभागों के साथ मिलकर काम सीखेंगी।”

 

 

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