भाईयों की ऐसी दुर्गति ना देखी कहीं, एक खुद को शौचालय में बंद कर मौत का कर रहा था इंतजार…तो दूसरा मंदबुद्धि
सूचना मिलने के बाद चमन गुलाटी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वहां पहुंचकर दोनों भाइयों का रेस्क्यू किया गया। दोनों को एंबुलेंस से सीधे संगठन के ‘अपना आशियाना’ लाया गया। उन्हें नहलाया-धुलाया गया और खाना खिलाया गया।
4 भाइयों में एक लापता, एक की हो चुकी मौत
बताया जा रहा है कि कि ये चार भाई थे। जिनमें विजय, अशोक, राजकुमार और सुरेंद्र है। एक भाई अशोक लोन एजेंट के जाल में फंस गया और कई ग्रामीणों से पैसे निवेश करवा लिए। इससे अशोक कर्जदार हो गया। इसके बाद वह कहीं भाग गया। उसका कोई पता नहीं चल पाया। एक भाई राजकुमार हिमाचल में हैंडलूम का काम करने लगा। वह भाइयों के खाने का इंतजाम करता था। तीन महीने पहले वह गांव आया था। कुछ दिन बाद उसकी मौत हो गई। छोटे भाई सुरेंदर ने अंतिम संस्कार किया। इसके बाद सुरेंदर ने खुद को शौचालय में बंद कर लिया। सबसे बड़ा भाई विजय मानसिक रूप से बीमार है। इनके माता-पिता की मौत हो चुकी है।