बचपन के जुनून ने विदेशी धरती पर बढ़ाया देश का मान, स्वर्ण पदक जीतकर हरियाणा की छोरी ने किया कमाल
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सोनीपत: हरियाणा के पहलवान विदेशी धरती पर लगातार देश का डंका बजा रहे हैं। प्रदेश के युवा पहलवान विदेशी धरती पर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। हाल ही में जॉर्डन में आयोजित हुई जूनियर कैडेट कुश्ती एशियन चैंपियनशिप में सोनीपत के सेक्टर 23 की रहने वाली पहलवान काजल ने 73 किलोग्राम वर्ग भार में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है और आज काजल के सोनीपत पहुंचने पर उसका जोरदार स्वागत किया गया।
सोनीपत के सेक्टर 23 की रहने वाली काजल के चाचा कृष्ण पहलवानी करते थे और 7 साल की उम्र से ही काजल को चाचा को देखते हुए पहलवानी करने का जुनून हो गया। जिसके बाद काजल अपने चाचा से पहलवानी के गुर सीखने लग गई और अब काजल विदेशी धरती पर देश के तिरंगे का मान सम्मान बढ़ा रही है। हाल ही में जॉर्डन में आयोजित हुई जूनियर कैडेट कुश्ती एशियन चैंपियनशिप में सोनीपत के सेक्टर 23 की रहने वाली पहलवान काजल ने 73 किलोग्राम वर्ग भार में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है और आज काजल के सोनीपत पहुंचने पर उसका जोरदार स्वागत किया गया।
ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने का लक्ष्य
बता दें कि काजल ने अभी तक 16 बार ही भारत केसरी, दो-दो बार हरियाणा और दिल्ली केसरी का खिताब अपने नाम कर चुकी है। वहीं काजल के अंतरराष्ट्रीय मेडल की तालिका भी अब लंबी होती जा रही है। काजल आपने इस उपलब्धि का श्रेय आपने चाचा और गुरु को दे रही है, काजल का लक्ष्य देश के लिए ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतना है।
काजल के गुरु और पहलवान कृष्ण का कहना है कि काजल 7 साल की उम्र से ही मुझे देखते हुए पहलवानी करने का जुनून चढ़ा था और जब मैंने इसमें लग्न देखी तो मैंने इस पर ध्यान देना शुरू किया और देखते ही देखते इसने कई पदक जीते और हमारा सपना है कि काजल देश के लिए ओलंपिक मेडल जीतकर लाए और देश का नाम रोशन करें, वही पूर्व में महिला कुश्ती कोच रहे पहलवान कुलदीप मलिक ने कहा कि काफी लंबे से कुश्ती के लिए अच्छा नहीं रहा लेकिन अब काजल जैसी युवा महिला पहलवान देश के लिए पदक ला रही है, जिसको देखकर लग रहा है कि भारतीय कुश्ती का भविष्य अच्छा है और यह लड़की देश के ओलंपिक मेडल जीत सकती है।