दिल्ली में मानसून की पहली बारिश का असर AIIMS पर भी दिखा. बारिश के कारण दिल्ली एम्स के एक दो नहीं, नौ ऑपरेशन थिएटर बंद हो गए थे. ऑपरेशन थिएटर बंद रहने की वजह से दर्जनों सर्जरी प्रभावित हुई थीं. खासकर उन मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा जिनकी सर्जरी होने वाली थी. बिजली बंद होने से न्यूरो सर्जरी ऑपरेशन थिएटरों को सुबह से शाम छह बजे तक बंद करना पड़ा, लेकिन न्यूरो सर्जरी ऑपरेशन थिएटर शुरू हो गया. शाम 6 बजे सर्जरी हुई, सर्जरी पूरी रात चलती रही.
बारिश की वजह से एम्स के ट्रामा सेंटर के हालात खराब हो गए थे. एम्स प्रशासन ने दावा किया था कि जैसे ही सर्जरी शुरू होगी वैसे ही वह इसकी जानकारी दी जाएगी. दरअसल, एम्स के ट्रामा सेंटर में ग्राउंड फ्लोर पर पानी भर गया था, जिसके कारण पूरी बिल्डिंग की बिजली सप्लाई बंद करनी पड़ी थी. बिजली नहीं होने की वजह ऑपरेशन थिएटर बंद किए गए थे. अस्पताल के स्टोर रूम तक में बारिश का पानी भर गया था.
पानी से लबालब हुई दिल्ली
बीते दिन राष्ट्रीय राजधानी में हुई बारिश ने आमजन जीवन को तहस-नहस कर दिया. यहां तक की बारिश से जुड़ी घटनाओं में पांच लोगों की जान चली गई. सुबह-सुबह मानसून ने धमाकेदार एंट्री मारी, जिसे दिल्ली झेल नहीं सकी और पूरी पानी-पानी हो गई. ऑफिस जाने वाले लोगों को खासी परेशानी हुई. कई इलाकों की सड़कें लबालब दिखाई दीं और घरों में पानी घुस गया. मानसून की पहली बारिश ने प्रशासन की पोल खोलकर रख दी. इसको लेकर राजनीति भी गरमा गई. आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही है.
जलभराव पर दिल्ली सरकार ने क्या कहा?
दिल्ली में जलभराव पर आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी का कहना है कि हमने पिछली बारिश तक करीब 200 हॉटस्पॉट चिन्हित किए थे. इनमें से 40 हॉटस्पॉट पीडब्ल्यूडी की सीसीटीवी निगरानी में हैं. ये समझना होगा कि अगर दिल्ली में 228 मिमी बारिश होती है, तो जलस्तर कम होने में समय लगेगा. अभी दिल्ली में नालों की क्षमता से ज्यादा बारिश हुई है इसलिए कई जगहों पर जलभराव देखने को मिल रहा है. भारी बारिश के कारण जलभराव की समस्या को लेकर हमने एक आपात बैठक की. इसकी अध्यक्षता दिल्ली सरकार के 4 मंत्रियों ने की. इसमें दिल्ली सरकार के सभी वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. हमने आने वाले दिनों के लिए कई अहम फैसले लिए.