पश्चिम बंगाल लोकसभा चुनाव परिणाम: महुआ, अभिषेक, युसुफ और शत्रुघ्न सिन्हा में कौन आगे- कौन पीछे
पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई है. आज मतगणना के दौरान मूलतः टीएमसी और बीजेपी के बीच टक्कर मानी जा रही है. इस चुनाव में डायमंड हार्बर से तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, बहरामपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ क्रिकेटर यूसुफ पठान, कृष्णानगर से टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा और आसनसोल से टीएमसी के उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा चुनाव मैदान में हैं. मतगणना के दौरान पश्चिम बंगाल की इन हस्तियों पर लोगों की निगाहें टिकी रहेंगी. इनके अतिरिक्त बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष, केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार सहित कई हस्तियां चुनाव मैदान में हैं.
मतों की गणना शुरू हुई है. अभिषेक बनर्जी, अधीर रंजन चौधरी, महुआ मोइत्रा आगे चल रहे हैं. शत्रुघ्न सिन्हा ने भी बीजेपी पर बढ़त बना ली है. पश्चिम बंगाल में अभिषेक बनर्जी ममता बनर्जी के बाद पार्टी में दूसरे नंबर के नेता हैं. उन पर पार्टी के संगठन का दायित्व है. वह इसके पहले पहले साल 2014 और 2015 में डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं और इस बार तीसरी बार हैट्रिक लगाने के लिए चुनाव मैदान में हैं. उनके खिलाफ अभिजीत कुमार बीजेपी के उम्मीदवार हैं, जबकि माकपा ने प्रातिकुल रहमान को उम्मीदवार बनाया है.
डायमंड हार्बर में 72.87 फीसदी मतदान हुआ है. यह सीट काफी अहम हैं, क्योंकि इस सीट से अभिषेक बनर्जी उम्मीदवार हैं और उनकी हार और जीत का पार्टी संगठन और बंगाल की राजनीति पर काफी असर पड़ेगा. टीएमसी ने अभिषेक बनर्जी की जीत के लिए पूरी ताकत लगा दी है.
बहरामपुर में अधीर और पठान में मुकाबला
दूसरी ओर, बहरामपुर लोकसभा सीट कांग्रेस के नेता अधीर चौधर का गढ़ माना जाता है. बंगाल में ममता बनर्जी और अधीर चौधरी के बीच सियासी तकरार से अभी अवगत हैं. ममता बनर्जी लगातार अधीर चौधरी को पराजित करने की कोशिश कर रही हैं, हालांकि पिछले पांच लोकसभा चनावों से बहरामपुर में अपनी जीत दर्ज करते आ रहे हैं. इस बार ममता बनर्जी ने पूर्व किक्रेकर यूसुफ पठान को मैदान में उतारा है. बहरामपुर में युसूफ पठान और अधीर चौधरी के बीच टक्कर मानी जा रही है. बहरामपुर मुस्लिम बहुल इलाका है. युसूफ पठान मुस्लिम होने के साथ-साथ क्रिकेट स्टार हैं. ऐसे में वह अधीर के गढ़ में सेंध लगा सकते हैं. हालांकि चुनाव परिणाम से ही यह साफ हो पाएगा कि जीत आखिर किसे मिलती है.
महुआ मोइत्रा क्या लौट पाएंगी लोकसभा?
उसी तरह से कृष्णानगर से टीएमसी ने फायरब्रांड नेता महुआ मोइत्रा को फिर से उम्मीदवार बनाया है. कैश-गिफ्ट के बदले लोकसभा में सवाल पूछने को लेकर लगे आरोप के बाद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन ममता बनर्जी ने फिर से उन्हें कृष्णानगर का उम्मीदवार बनाया है और ममता बनर्जी ने खुद उनके समर्थन में सभा करते हुए महुआ मोइत्रा को जिताने की अपील की है. दूसरी ओर, बीजेपी ने उनके खिलाफ राजमाता अमृता रॉय को उतारा है. बता दें कि कृष्णानगर कभी बीजेपी का गढ़ हुआ करता था. इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यव्रत मुखर्जी ने साल 1999 में जीत हासिल की थी और केंद्रीय मंत्री भी बने थे. इस कारण यह सीट पर भी कांटे की टक्कर मानी जा रही है.
शत्रुघ्न सिन्हा फिर मैदान में, बीजेपी से मुकाबला
बॉलीवुड सुपर स्टार और टीएमसी उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल लोकसभा सीट से फिर से चुनाव मैदान में हैं. 2022 के लोकसभा उपचुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा ने इस सीट से बीजेपी की अग्निमित्रा पॉल को पराजित कर जीत हासिल की थी. टीएमसी ने पहली बार यह सीट जीती थी. उसके पहले इस सीट पर 2014 और 2019 में बाबुल सुप्रियो ने जीत हासिल की थी और मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री भी बनाए गए थे, लेकिन साल 2019 में मंत्री पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था और बाद में टीएमसी में शामिल हो गये. उनके बाद शत्रुघ्र सिन्हा को ममता बनर्जी ने इस सीट से उतारा और उन्होंने जीत हासिल की.