उत्तर प्रदेश

2014 में हार के बाद भी… स्मृति ईरानी ने बताया 2019 में अमेठी में उन्हें कैसे मिली जीत

देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही सभी पार्टियों ने सत्ता हासिल करने के लिए अपनी ताकत झोंकना शुरू कर दिया है. इसी बीच 6 अप्रैल को बीजेपी की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पार्टी के उम्मीदवार आरसी पॉल कनगराजका समर्थन करने चेन्नई पहुंचीं. बता दें, ईरानी उत्तर प्रदेश के अमेठी से चुनाव में उतरने वाली हैं.

रैली में संबोधन के दौरान ईरानी ने अमेठी को लेकर कहा कि सालों से, आरएसएस या भाजपा कार्यकर्ता होना उस (अमेठी) निर्वाचन क्षेत्र में कठिन था. इसके बावजूद, हम वहां मजबूती से खड़े रहे और हमने 2019 (लोकसभा चुनाव) में जीत हासिल की. ​ईरानी ने बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के बीच का अंतर बताते हुए कहा कि हम 2014 लोकसभा चुनाव में हार गए थे, लेकिन हम भागे नहीं और यही भाजपा और कांग्रेस पार्टी के बीच का अंतर है. हमने अमेठी में अपनी हार को सहर्ष स्वीकार किया था.

2014 के बाद कैसे मिली जीत

ईरानी ने 2014 की हार के बारे में कहा कि हमें एहसास हुआ कि लोगों को हम पर भरोसा करने के लिए समय की जरूरत है. ईरानी ने लोकसभा चुनाव 2024 की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मुझे नहीं पता था कि मुझे टिकट मिलेगा या नहीं, लेकिन हमने काम किया क्योंकि हम चाहते थे कि लोग लोकतंत्र में विश्वास करें.

ईरानी ने राहुल पर साधा निशाना

इससे पहले स्मृति ईरानी वायनाड में पार्टी प्रत्याशी के सुरेंद्रन के नामांकन में पहुंची थीं. ईरानी ने उस दौरान राहुल पर हमला करते हुआ कहा कि वायनाड राहुल की पसंद नहीं मजबूरी थी. इसीलिए उन्हें अमेठी से भागना पड़ा. उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने पहले भी झूठ बोला था और अब भी झूठ बोल रहा है. स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की उस अमेठी सीट से हराया था जिसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता था.

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