दिनेशपुर: हरिचांद गुरुचांद धर्म मंदिर में हर्ष वर्ष की तरह इस वर्ष भी महावारूनी के उपलक्ष में लोग आस्था की डुबकी लगते हैं। परंतु श्री हरिचांद गुरचांद मंदिर के संस्थापक गोपाल जी महाराज का देहांत के बाद श्री हरिचांद गुरचांद मंदिर अनुनायों में समिति में पदों की लड़ाई के चलते अलग-अलग दो कमेटी का निर्माण हो गया। दोनों पक्ष कोर्ट के शरण में गए। आपको बता दे कि पिछले साल प्रशासन की देखरेख में महाबरूनी उत्सव बनाया गया वही इस बार दोनों पक्ष महाबरूनी के लिए कोर्ट में अनुमति मांगी। कोर्ट ने दोनों पक्षो को सुनने के बाद प्रशासन के माध्यम तहसीलदार की की देखरेख में महावारुनी उत्सव करने का आदेश जारी किया है। आपको बता दे की महावारुनी के उपलक्ष में हरी मंदिर में प्रतिवर्ष कम से कम तीन लाख लोग कामना सागर में आस्था की डुबकी लगाते हैं। पूरे मामले को देखा जाए तो पदों की लड़ाई में भगवान को लोगों ने कोर्ट के कटघरे में खड़ा कर दिया। इसी मुद्दे को लेकर वर्तमान श्री हरिचांद गुरचांद मंदिर मंदिर के मठाधीश विवेकानंद महाराज भावुक होते हुए। उन्होंने कहा है कि एक पक्ष द्वारा मेरे बारे में उल्टा पुल्टा बयान बाजी किया जा रहा है। वहां सारा निराधार है व गलत है। उन्होंने कहा कि मेरा जान का खतरा भी बना हुआ है।
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