भिवानी। श्रीश्री 1008 सिद्ध बाबा जहरगिरि महाराज के पावन स्मृति दिवस पर 29 दिसंबर को सिद्ध पीठ बाबा जहरगिरि आश्रम, हालुवास गेट में वार्षिक भंडारा एवं विराट संत समागम का आयोजन किया जाएगा। भंडारे के लिए 51 हजार लीटर गंगाजल, 400 क्विंटल चीनी और 170 क्विंटल घी से प्रसाद तैयार किया जा रहा है। आयोजन को लेकर आश्रम में तैयारियां जोरों पर हैं और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है।
छोटी काशी के नाम से विश्व विख्यात भिवानी शहर धार्मिक आस्था और परंपराओं का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहां समय-समय पर होने वाले धार्मिक आयोजनों में श्रद्धालु बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। इसी कड़ी में बाबा जहरगिरि महाराज की स्मृति में आयोजित इस भंडारे और संत समागम में देश-विदेश से साधु-संतों का आगमन होगा। देश के विभिन्न पर्वतों और गुफाओं के अलावा हरिद्वार और प्रयागराज से महंत भंडारे में शिरकत करेंगे। आश्रम पीठाधीश्वर एवं अंतरराष्ट्रीय महंत जूना अखाड़ा डॉ. अशोक गिरि महाराज ने बताया कि परमहंस बाबा जहरगिरि महाराज के आदर्शों पर चलते हुए जनसेवा के उद्देश्य से निशुल्क चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया है जिसमें श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
डॉ. अशोक गिरि महाराज ने बताया कि भंडारे की व्यवस्था को भव्य स्वरूप देने के लिए प्रसाद निर्माण में दर्जनों हलवाई, लगभग 300 से अधिक कारीगर और सेवादार निशुल्क सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में साधु-संतों को विशेष सम्मान प्राप्त है और किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में उनका आशीर्वाद अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। बाबा जहरगिरि महाराज की पुण्यतिथि पर देशभर से संतों का पहुंचना श्रद्धा का प्रतीक है। धर्मग्रंथों के अनुसार साधु-संतों का आशीर्वाद मोक्ष के द्वार खोलने वाला माना गया है।
2100 किलोग्राम मेवे से बनाए जा रहे लड्डू
भंडारे के लिए हरिद्वार से पवित्र गंगाजल मंगवाया गया है। 11 दिनों से लगातार देसी घी और 51 हजार लीटर गंगाजल से प्रसाद तैयार किया जा रहा है। डॉ. अशोक गिरि महाराज के अनुसार प्रसाद निर्माण में लगभग 400 क्विंटल चीनी, 170 क्विंटल घी, पूरी के लिए 150 क्विंटल आटा, 76 क्विंटल तंदूर और तवे की रोटियां, 33 क्विंटल चावल, 190 क्विंटल बेसन आटा तथा लगभग 2100 किलोग्राम मेवे से विशाल लड्डू तैयार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सब्जी, कढ़ी और चावल में भी कई क्विंटल घी का प्रयोग किया जाएगा। यह विशाल भंडारा और विराट संत समागम धार्मिक आस्था के साथ-साथ सामाजिक समरसता और सेवा भाव का संदेश देगा।