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कागज के कबूतर’ से खेलते-खेलते बच्चा छत से गिरा, जान बची या नहीं?

आपने बचपन में कागज से तरह-तरह के खिलौने बनाए होंगे और उनसे खेला भी होगा. जैसे-कागज की नाव, जहाज, कुर्सी या कबूतर. बच्चों को ये कागज के खिलौने खूब भाते हैं. लेकिन कर्नाटक के कोप्पल शहर में यही कागज का खिलौना एक गंभीर हादसे की वजह बन गया.

कोप्पल शहर की हमालारा कॉलोनी में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. कुलियों की बस्ती इलाके में रहने वाला पांच वर्षीय मासूम बच्चा मोहम्मद हैरिस अपने घर की पहली मंजिल पर कागज के बने कबूतर से खेल रहा था. खेल के दौरान जैसे ही उसने उस कागज के खिलौने को पकड़ने की कोशिश की, उसका संतुलन बिगड़ गया और वह पहली मंजिल से नीचे गिर पड़ा.

इस हादसे में हैरिस गंभीर रूप से घायल हो गया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया. परिजन उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों की देखरेख में उसका उपचार जारी है. घरवालों के मुताबिक, खेल-खेल में उसका संतुलन बिगड़ गया और वह सीधे पहली मंजिल से नीचे गिर गया. यह पूरा दृश्य पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया.

सिर में गंभीर चोटें आईं

गिरते समय मोहम्मद को सिर और शरीर के ऊपरी हिस्से में गंभीर चोटें आईं. बताया जा रहा है कि गिरने के बाद बच्चे की हालत बेहद नाजुक थी और उसकी छाती पर भी काफी दबाव पड़ा, जिससे उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी. संयोग से, उस समय मोहम्मद की बहन नीचे ही खेल रही थी. जैसे ही उसने अपने भाई को गिरते देखा, वह तुरंत उसके पास पहुंची.

बच्चे के गिरने की आवाज सुनकर माता-पिता घबराकर घर के अंदर से बाहर दौड़े आए. अपने बेटे को लहूलुहान हालत में देखकर वे बदहवास हो गए, लेकिन बिना समय गंवाए उन्होंने तुरंत मोहम्मद को कोप्पल के एक निजी अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने बच्चे की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल चिकित्सा जांच शुरू की.

दो घंटे की सर्जरी में बची जान

जांच के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि मोहम्मद हैरिस के सिर में गंभीर चोट आई है, जिसके चलते तुरंत ऑपरेशन करना जरूरी था. डॉक्टरों की टीम ने लगभग दो घंटे के भीतर सफल सर्जरी कर बच्चे की जान बचा ली. डॉक्टरों के अनुसार, यदि इलाज में थोड़ी भी देरी होती, तो परिणाम बेहद गंभीर हो सकते थे. फिलहाल मोहम्मद हैरिस खतरे से बाहर है और उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है और आगे भी इलाज जारी रहेगा.

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