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खतरनाक बिजली के पोल हटेंगे हरियाणा की सड़कों से, खर्च संबंधित विभागों से लिया जाएगा

चंडीगढ़ : धुंध की वजह से होने वाले हादसों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने उन सड़कों से बिजली के पोल हटाने की कवायद तेज कर दी है जो लोगों के लिए खतरा बने हुए थे। प्रदेश में ऐसी सड़कों की संख्या काफी अधिक है जहां बिजली के पोल वाहन चालकों के लिए मुसीबत का सबब बन चुके हैं।

खास बात यह है कि पोल को हटाने का सारा खर्चा निगमों द्वारा उन विभागों से वसूला जाएगा जिनके अधिकार क्षेत्र में वह सड़क आती होगी। इनमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.), पी.डब्ल्यू.डी., नगर निगम, मार्कीटिंग बोर्ड और पंचायत शामिल हैं। जिन साइटों जगहों पर पोल को सड़क के बीच से शिफ्ट करना है या बिजली की लाइन की वर्टिकल क्लीयरेंस पक्का करना वहां संबंधित एस.डी.ओ. (ओ.पी.) इसके लिए एक डिपॉजिट एस्टीमेट बनाएगा और उसे सक्षम अथॉरिटी से मंजूर करवाएगा। इसके बाद संबंधित विभाग को 15 दिनों के अंदर एस्टीमेट की लागत जमा करने के लिए एक नोटिस भेजा जाएगा। अगर संबंधित विभाग समय-सीमा के अंदर रकम जमा नहीं करता है तो 5 लाख रुपए तक की लागत वाले मामले में लागत संबंधित विभाग के बिजली बिल से वसूल की जाएगी।

धुंध की वजह से बढ़ रहा खतराः निगमों के पास ऐसी शिकायतें आ रही थीं जिनमें कुछ जगहों पर बिजली के खंभे मुख्य सड़कों के बीच में लगे हुए हैं। अलग-अलग सरकारी एजेंसियों द्वारा सड़कों को चौड़ा करने या नई सड़कें बनाने के कारण ऐसा हुआ है। ऐसे असुरक्षित खंभों को हटाने का काम आमतौर पर संबंधित एजेंसी निगमों से करवाती है। हालांकि कई जगहों पर संबंधित एजेंसियों ने अभी तक ऐसे असुरक्षित खंभों को नहीं हटवाया है, जिससे लोगों और वाहनों की आवाजाही में रुकावट आ रही है और सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ रही है। खासकर रात के समय या कोहरे वाले सर्दियों के मौसम में। इसी तरह सड़कों की बार-बार मुरम्मत से बिजली की लाइनों की ऊंचाई भी कम हो गई है, जिससे वह जगह बिजली के हादसों के लिए खतरनाक हो गई है।

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