दिल्ली

एक्शन के बाद IndiGo की उड़ानों में सुधार: चार दिन में ऑन-टाइम फ्लाइट्स, सभी 138 डेस्टिनेशन जुड़े

सरकार के एक्शन के बाद इंडिगो अब महासंकट के भंवर से बाहर निकल रही है. इस बीच एयरलाइन के प्रवक्ता का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा, पिछले चार दिनों से ऑपरेशन लगातार सामान्य हो रहे हैं. आज एयरलाइन अपने घटे हुए शेड्यूल के अनुसार 2,000 से ज्यादा उड़ानें चलाएगी. इंडिगो के 138 सभी डेस्टिनेशन अब पूरी तरह जुड़े हुए हैं. ऑन-टाइम परफॉर्मेंस भी नॉर्मल स्तर पर लौट आया है.

एयरलाइन के प्रवक्ता ने बताया, 11 दिसंबर को इंडिगो ने 1950 से ज्यादा उड़ानों का संचालन किया. सिर्फ 4 फ्लाइट मौसम के कारण रद्द हुईं. सभी प्रभावित यात्रियों को तुरंत सूचना दी गई ताकि असुविधा न हो. इंडिगो ने सभी एयरपोर्ट्स को निर्देश दिया है कि नया शेड्यूल टर्मिनल स्क्रीन पर दिखाया जाए. ताकि यात्रियों को कोई भ्रम न हो.

तारीख उड़ानें उसी दिन की कैंसिलेशन
8 दिसंबर 1700+ 1
9 दिसंबर 1800+ 0
10 दिसंबर 1900+ 2
11 दिसंबर 1950+ 4
12 दिसंबर 2050+ (अनुमानित)

डीजीसीए के अधिकारियों और सीईओ पीटर के बीच बैठक

उधर, इंडिगो एयरलाइन के सीईओ पीटर एल्बर्स और डीजीसीए के अधिकारियों के बीच अहम बैठक हुई. दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में कमेटी ने इंडिगो एयरलाइन के सीईओ से पूछताछ की. कमेटी ने हाल ही में एयरलाइन की उड़ानों के संचालन में हुई बड़ी गड़बड़ी और रद्दीकरण को लेकर सवाल-जवाब किया. डीजीसीए ने आज लगातार दूसरे दिन इंडिगो के सीईओ को तलब किया था.

इन तमाम कवायदों के बीच इंडिगो ने ऑपरेशनल गड़बड़ी की जांच के लिए एक्सपर्ट टीम नियुक्त की है. इंडिगो के बोर्ड ने चीफ एविएशन एडवाइजर एलएलसी को जांच की जिम्मेदारी दी है.इस टीम का नेतृत्व कैप्टन जॉन इल्सन करेंगे, जिनके पास FAA, ICAO, IATA और कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस में 40+ साल का अनुभव है.

क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की सिफारिश पर फैसला

ये टीम हाल की ऑपरेशनल डिसरप्शन की वजहों की स्वतंत्र और विशेषज्ञ जांच करेगी.जांच का उद्देश्यऑपरेशन में हुई गड़बड़ी के मुख्य कारणों की पहचान करना है. साथ हीसुधार के नए अवसरों की तलाश करना है.इंडिगो बोर्ड द्वारा बनाई गई क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की सिफारिश पर यह फैसला लिया गया है.

बोर्ड की मंजूरी के बाद जांच जल्द शुरू होगी. जांच पूरी होने पर विशेषज्ञ टीम अपनी विस्तृत रिपोर्ट बोर्ड को सौंपेगी.इंडिगो ने कहा कि यह कदम पारदर्शिता, सुरक्षा और संचालन में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण है.

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