दिल्ली

CIC-CVC मुद्दे पर अटका सरकार का प्लान? PM मोदी-शाह संग बैठक में राहुल गांधी ने जताया विरोध

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद में प्रधानमंत्री के चैंबर में पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. यह बैठक चीफ इंफॉर्मेशन कमिश्नर (CIC) और CVC में विजिलेंस कमिश्नर के चयन को लेकर हुई. पीएम और गृह मंत्री के साथ राहुल गांधी की ये बैठक करीब सवा घंटे चली. सीआईसी के चीफ और सदस्यों के जो-जो नाम सरकार की तरफ से रखे गए हैं, राहुल गांधी ने सब पर डिसेंट नोट दिया है.

ये बैठक सीआईसीवीसी और आठ इंफॉर्मेशन कमिश्नर की नियुक्ति को लेकर थी. सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने बैठक में चयन समिति में सरकार के फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया. राहुल सरकार की ओर से रखे गए नामों पर सहमत नहीं हैं. बैठक से इतर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव र्वाचन आयोग को वोट चोरी करने का हथियार बना रही है.

3 बहुत जरूरी और सीधे सवाल पूछ रही है जनता

 

एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, देश की जनता ये 3 बहुत जरूरी और सीधे सवाल पूछ रही है. प्रधान न्यायाधीश को चुनाव आयोग से संबंधित चयन समिति से क्यों हटाया? 2024 चुनाव से पहले चुनाव आयोग को लगभग पूरी कानूनी सुरक्षा क्यों दी? सीसीटीवी फुटेज 45 दिन में नष्ट करने की इतनी जल्दबाजी क्यों?

EC को वोट चोरी करने का औजार बनाया जा रहा

उन्होंने आरोप लगाया, जवाब एक ही है कि चुनाव आयोग को वोट चोरी करने का औजार बनाया जा रहा है. इससे पहले राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि बीजेपी वोट चोरी के काम को अंजाम देकर आइडिया ऑफ इंडिया (भारत की अवधारणा) नष्ट कर रही है. उन्होंने लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान 2023 के चुनाव कानून का जिक्र करते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर इस कानून में पूर्वव्यापी प्रभाव से संशोधन किया जाएगा.

2023 के इस कानून को बदलने की जरूरत है

इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा था कि चुनाव आयुक्तों को कठघरे में लिया जाएगा. 2023 के इस कानून को बदलने की जरूरत है क्योंकि यह चुनाव आयुक्तों को ये ताकत देता है कि वे जो चाहें करें. इसकी चयन समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर रखा गया है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा-शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम-2023 के तहत 3 सदस्यीय चयन समिति में पीएम, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं.

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