ऋषिकेश एम्स व मारवाड़ी संस्था के नेत्र शिविर में 72 रोगियों का हुआ परीक्षण, लोगों को नेत्र दान के लिए किया गया जागरूक
देहरादून: उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नेत्र रोग विभाग व अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन संस्था के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को आयोजित नेत्र शिविर में 72 रोगियों का परीक्षण किया गया। जिसमें मरीजों की नेत्र जांच, उपचार व आवश्यक परामर्श दिया गया। इस अवसर पर लोगों को खासतौर से नेत्र दान ‘महादान’ के लिए जागरूक किया गया।
एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन और चिकित्सा अधीक्षक तथा नेत्र रोग विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर डा संजीव कुमार मित्तल के नेतृत्व में यह शिविर आंबेडकर नगर, ऋषिकेश में आयोजित हुआ। शिविर में संस्थान के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 72 मरीजों का सघन परीक्षण किया। साथ ही उन्हें आंखों की देखभाल के लिए उचित परामर्श दिया। मरीजों व उनके तीमारदारों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. मित्तल ने बताया कि व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत होने वाले नेत्रदान से बढ़कर कोई दूसरा दान नहीं है। उन्होंने नेत्र दान को महादान की संज्ञा देते हुए बताया कि एक व्यक्ति के नेत्रदान के संकल्प से दो लोगों की अंधेरी दुनिया में जीवनर्यंत उजियारा हो सकता है और वह ईश्वर की बनाई हुई रंगबिरंगी दुनिया को देख सकते हैं।
नेत्र विभाग के आई बैंक की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. नीति गुप्ता व प्रबंधक, वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी महिपाल चौहान ने लोगों को नेत्रदान महादान का संकल्प दिलाया व उन्हें इसके लिए जागरुक किया। बताया गया कि शिविर में 37 लोगों ने नेत्रदान का संकल्पपत्र भी भरा। इस अवसर पर रेजिडेंट्स डॉ. रिद्धि लखानी, डॉ. कामना वर्मा ने मरीजों की सघन जांच की और उन्हें आवश्यक चिकित्सकीय परामर्श दिया। ऑप्टोमेट्रिस्ट इंटर्न राजन जायसवाल, अंजली अग्रवाल ने जरूरतमंद लोगों को चश्मे का नंबर वितरित किया। इस दौरान संस्था अध्यक्ष नूतन अग्रवाल, सचिव रचना गर्ग एवं अन्य सदस्यों ने शिविर के आयोजन में सहयोग प्रदान किया।