भीड़-भाड़ से दूर, हिमालय की गोद में बसी 7 ऑफबीट लोकेशंस जहां मिलेगा सिर्फ सुकून

सोजा कुल्लू से कुछ दूर भी स्थित ये छोटा-सा गांव है, जो देवदार के जंगलों और झरनों से भरा पड़ा है. बर्ड वॉचिंग से लेकर ध्यान लगाने तक, सोजा एक पूरा रिट्रीट है. यहां एक बार आना तो बनता है.

उत्तराखंड के उत्तराकाशी में स्थित छोटा सा गांव कलाप भी शांति पाने के लिए एक अच्छी जगह है. यहां आपको सिर्फ पहाड़ और हरियाली देखने को मिलेगी. यहां तो इंटरनेट भी कम ही आता है और न ही ट्रैफिक लगता है. बस होते हैं तो आप और आपकी तनहाई.

संदकपू पश्मिम बंगाल में स्थित है जो दार्जिलिंग से कुछ घंटे ही दूर है. यहां भी आपको कम भीड़-भाड़ देखने को मिलेगी और आप शांति को महसूस कर पाएंगे. ये जगह इसलिए भी खास है क्योंकि यहां से कंचनजंघा, माउंट एवरेस्ट और ल्होत्से एक साथ देख सकते हैं.

लद्दाख में स्थित ज़ांस्कर वैली आपको एक बार जरूर जाना चाहिए. यहां पहुंचना भले ही कठिन हो लेकिन जब आप यहां पहुंचते हैं तो किसी दूसरी ही दुनिया को महसूस करते हैं. यहां इतनी शांति , जिसे आप कभी भूल नहीं पाएंगे.

उत्तराखंड में भी कई जगहें हैं जो अपनी शांति के लिए जानी जाती है, जिसमें से एक है चोपटा. इसे भारत का मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है. ये ट्रेकिंग करने वालों के लिए बेस्ट हैं. यहां से आपको हिमालयी चोटियों का नजारा देखने को मिलता है.

अरुणाचल प्रदेश का तवांग भारत और चीनी सीमा पर स्थित एक कस्बा है, जो बेहद खूबसूरत है. यहां आपको मोलेस्ट्री और हिमालय परंपरा देखने को मिलेगी. यहां आकर आपको ऐसा लगेगा जैसी कि समय थम सा गया हो. न कोई भीड़ न कोई शोरशराबा सिर्फ शांति.

हिमाचल प्रदेश की स्पीति वैली सुकून पाने के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है. यहां के रास्ते भले ही उबड़-खाबड़ हो लेकिन बौद्ध संस्कृति की छाया में बसी ये घाटी के अलग ही शांति देती है.