हरियाणा में फार्मेसी आफिसर के 60 फीसदी पद खाली: अनिल झांवरी
सीएम व स्वास्थ्य मंत्री से पद भरने की मांग
भिवानी (ब्यूरो): स्वास्थ्य विभाग की रीड की हड्डी कहे जाने वाले फार्मेसी ऑफिसर के हरियाणा में लगभग 60फीसदी पद खाली पड़े हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यापक असर पड़ रहा है। यह जानकारी एसोसिएशन गवर्नमेंट फार्मासिस्ट हरियाणा के राज्य महासचिव अनिल झांवरी ने यहां जारी एक बयान में दी। अनिल झांवरी ने बताया कि कि स्वास्थ्य विभाग हरियाणा में रीड की हड्डी कहे जाने वाले फार्मेसी ऑफिसर के लगभग 60 फीसदी पद रिक्त पड़े हैं और पिछले लगभग 5 साल से इन पदों के लिए कोई भर्ती नहीं की गई है। फार्मेसी ऑफिसर के लिए न्यूनतम योग्यता बी फार्मा लागू किए जाने के बाद हरियाणा राज्य में फार्मेसी ऑफिसर की कोई भी भर्ती नहीं हुई है और ना ही अभी तक न्यूनतम योग्यता बी फार्मेसी के हिसाब से फार्मासिस्ट के सेवा नियम बनाए गए हैं जिससे जनहित में मरीजों एवं आम जनमानस को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि हरियाणा प्रदेश की सभी स्वास्थ्य संस्थानों में फार्मेसी ऑफिसर ना के बराबर कार्यरत हैं जिससे जनहित में आम जनमानस को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में एसोसिएशन ऑफ गवर्नमेंट फार्मासिस्ट हरियाणा कई बार मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर और पत्राचार के माध्यम से अवगत करवा चुकी हैं राज्य प्रधान ने पुन: मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध किया है कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए फार्मेसी ऑफिसर के रिक्त पड़े पदों को जल्दी से जल्दी भरा जाए ताकि आम जनमानस को कोई परेशानी ना हो और फार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया की गाइडलाइन के हिसाब से दवाईयों से संबंधित कार्य रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के माध्यम से ही किया जा सके ताकि मरीजों को उसका पूरा-पूरा फायदा मिल सके।




