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जब तक नेताओं के बेटों का बॉर्डर पर बलिदान नहीं होगा…आतंकवाद का समाधान नहीं होगा : जयहिंद

जींद: बीते बुधवार जयहिंद सेना सुप्रीमो नवीन जयहिंद जींद के निडानी गांव पहुंचे, जहां उन्होंने  54 वर्षीय शहीद सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक को श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार को सांत्वना दी। जयहिंद ने कहा कि शहीद कुलदीप मलिक भारतीय सेना में एक बहादुर जवान थे। बताया जा रहा है कि सोमवार दोपहर को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर के डुडू बसंतगढ़ इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त दल पर हमला किया। इस मुठभेड़ में कुलदीप मलिक वीरगति को प्राप्त हुए।

जयहिंद ने कहा कि कब तक हमारे आम घरों के जवान ऐसे शहीद होते रहेंगे ऐसा कोई सप्ताह नहीं जाता जब ये खबर न आती हो कि आज हमारे देश प्रदेश का जवान शहीद न हुआ हो। जयहिंद ने कहा कि जिस तरह नेता चुनाव में अपने घर के बेटों को आगे करते हैं, उसी तरह उन्हें सेना भर्ती में आगे करने चाहिए और बॉर्डर पर तैनात होना चाहिए। तभी वहां की समस्याओं का समाधान होगा। नहीं तो ऐसे ही आम घरों के बच्चे शहीद होते रहेंगे और राजनेता ऐसे ही श्रद्धांजलि देते रहेंगे।

इसके साथ ही जयहिंद गांव के लोगों की बात को आगे रखते हुए कहा कि गोहाना से निडानी रोड शहीद कुलदीप मलिक के नाम पर होना चाहिए और  निडानी गांव में स्मारक होना चाहिए।  साथ ही जयहिंद ने सरकार प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि जो मुआवजा शहीद के परिवार को मिलना है वह जल्द से जल्द मिलना चाहिए। उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़े। साथ शहीद के परिवार को राष्ट्र परिवार घोषित किया जाये।

जयहिंद ने बताया कि शहीद कुलदीप मालिक बहुत अच्छे पहलवान थे और वह कुश्ती के नेशनल खिलाड़ी रह चुके हैं। उन्होंने कई मेडल जीते थे। 34 साल पहले वह खेल कोटे से सीआरपीएफ में कॉन्स्टेबल भर्ती हुए थे।  54 वर्षीय कुलदीप मलिक जल्द ही डीएसपी पद पर प्रमोट होने वाले थे।

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