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₹42 लाख, लग्जरी कार और लॉकर जब्त: फैसल शेख के ड्रग्स नेटवर्क पर ED की बड़ी कार्रवाई

ईडी ने मुंबई में बड़ी कार्रवाई करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत 9 ठिकानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई 8 अक्टूबर को ड्रग तस्कर फैसल जावेद शेख और उसकी पत्नी अल्फिया फैसल शेख के ड्रग नेटवर्क से जुड़ी जांच के सिलसिले में की गई. छापों के दौरान ईडी ने करीब 42 लाख रुपये कैश, 3 लग्जरी सेकेंड हैंड गाड़ियां (जिनमें 2 बीएमडब्ल्यू शामिल हैं), कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और प्रॉपर्टी से जुड़ी फाइलें जब्त कीं. इसके अलावा एक बैंक लॉकर और कई बैंक खातों को भी सील कर दिया गया है, जिनमें ड्रग्स की कमाई का पैसा होने का शक है. ईडी ने यह जांच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), मुंबई जोनल यूनिट के केस के आधार पर शुरू की थी.

यह केस अशिक वारिस अली, नासिर खान, फैसल जावेद शेख, अल्फिया फैसल शेख, इरफान यूसुफ फारूकी, अज़ीम अबु सलीम खान उर्फ अज़ीम भाऊ, फैजान मोहम्मद शफी शेख, मोहम्मद शाहिद फरीदुद्दीन चौधरी उर्फ बाबूस और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज है, जो मुंबई में एक संगठित ड्रग गिरोह चलाते थे. जांच में पता चला है कि फैसल शेख, सलीम डोला नाम के कुख्यात ड्रग किंगपिन से एमडी ड्रग (मेथ) खरीदता था. सलिम डोला की तलाश में एजेंसियां पहले से जुटी हैं और उसके बारे में जानकारी देने वाले को इनाम की घोषणा भी की गई है.

फैसल और अल्फिया ने एक नेटवर्क तैयार किया

फैसल शेख को एनसीबी के केस में जमानत मिलने के बाद उसके लगातार अपराधी गतिविधियों में शामिल रहने पर पीआईटी-एनडीपीएस (PIT-NDPS) के तहत हिरासत में भी रखा गया था. ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि फैसल और अल्फिया शेख ने एक संगठित नेटवर्क तैयार किया था, जो ड्रग बेचकर भारी मुनाफा कमा रहे थे. उन्होंने पैसों की हेराफेरी के लिए कुछ फर्जी कंपनियों और ट्रेड फर्मों का भी इस्तेमाल किया, जिनसे 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के कागज़ी लेन-देन और विदेशों में पैसे भेजने (फॉरेन रेमिटेंस) के सबूत मिले हैं.

ईडी यह जांच कर रही है कि इन कंपनियों का इस्तेमाल ड्रग्स की कमाई को वैध दिखाने और विदेश भेजने में तो नहीं किया गया. छापेमारी में जब्त और फ्रीज़ की गई संपत्तियां- जैसे कैश, गाड़ियां, बैंक खाते, लॉकर, दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस की बारीकी से जांच जारी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये बरामदगी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अवैध कमाई से जुड़े हैं या नहीं.

ईडी की सूरत में बड़ी कार्रवाई

ईडी ने साइबर फ्रॉड केस में बड़ी कार्रवाई की है. सूरत सब-जोनल ऑफिस ने 4 आरोपियों (मकबूल अब्दुल रहमान डॉक्टर, काशिफ मकबूल डॉक्टर, महेश माफतलाल देसाई और ओम राजेंद्र पांडे) को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया है. 100 करोड़ से अधिक के साइबर फ्रॉड मामले में हुई यह कार्रवाई हुई है. आरोपियों ने डिजिटल अरेस्ट, फॉरेक्स ट्रेडिंग, फर्जी सुप्रीम कोर्ट और ईडी के फर्जी नोटिस भेजकर लोगों को ठगा.

अपराध की रकम (POC) क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में बदलकर हवाला रूट से लॉन्डर की गई. फर्जी नामों पर बैंक अकाउंट और प्री-एक्टिवेटेड सिम का इस्तेमाल हुआ. अहमदाबाद की विशेष पीएमएलए अदालत ने चारों आरोपियों को 5 दिन की ईडी कस्टडी में भेजा. आगे की जांच जारी है.

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